दुनिया के सबसे अमीर 1% लोगों के पास इतनी दौलत है कि गरीबी को सालाना 22 बार मिटाया जा सकता है
शोभा शुक्ला स्वास्थ्य, लैंगिक समानता और मानवाधिकारों पर हालिया फंडिंग में कटौती ने पहले से ही उपेक्षित समुदायों की ज़िंदगी पर गहरा असर डाला है। ये केवल सेवाओं की बात…
