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बिहार में जाति आधारित सर्वे रिपोर्ट जारी होने के बाद राजनीतिक दलों की ओर से मिली जुली प्रतिक्रिया आयी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि यह एक महत्वपूर्ण दिन है जब गांधी जयंती के दिन जाति गणना की रिपोर्ट जारी की गयी है। इससे जातियों की आर्थिक सामाजिक स्थिति के अनुरुप उनके कल्याण के लिए योजनाएं बनाने में मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि कल इस रिपोर्ट को राज्य में 9 दलों के समक्ष रखा जायेगा। प्रस्तुतिकरण के दौरान जाति गणना के सामाजिक आर्थिक परिणामों पर भी चर्चा होगी। इधर, राष्ट्रीय जनता दल के नेता और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने कहा कि जाति गणना में वैज्ञानिक तरीके से आकलन किया गया है। इससे उन पिछड़े समूहों को लाभ होगा जिन्हे सरकार की ओर से लाभ नहीं मिला है।
राज्य में सबसे बड़े विपक्षी दल भाजपा ने रिपोर्ट को आधा अधूरा बताया है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा कि जाति आधारित गणना में सामाजिक आर्थिक पिछड़े पन के आंकड़े नहीं जारी किये गये हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा जाति आधारित गणना में अपनायी गयी तकनीक और प्रक्रिया का अध्ययन करेगी इसके बाद पार्टी की ओर से पूर्ण रुप से प्रतिक्रिया दी जायेगी। जाति आधारित गणना बिहार में लोकसभा चुनाव से पहले एक महत्वपूर्ण मुद्दा बनता जा रहा है। राज्य के अधिकारियों ने कहा है कि बिहार जाति गणना कराने वाला देश का पहला राज्य बना है।
बिहार सरकार की ओर से सोमवार को जाति आधारित गणना की रिपोर्ट के साथ राज्य की जनसंख्या का भी आकलन हो गया। इसमें सर्वाधिक 36.01 प्रतिशत जनसंख्या अत्यंत पिछड़ा वर्ग की है। इस रिपोर्ट में ऐसा चौंकाने वाला आंकड़ा सामने आया है जिस पर खुद नीतीश-तेजस्वी सरकार घिर सकती है।
हिंदू सवर्ण अपेक्षाकृत कम हुए हैं, जबकि पिछड़ा वर्ग के साथ अनुसूचित जाति के कुछ समूहों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। कुल जनसंख्या में अभी 15.52 प्रतिशत सवर्ण हैं। अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या क्रमश. 19.65 और 01.68 प्रतिशत है।
- 13,07,25,310 है राज्य की जनसंख्या, इसमें 6,41,31,992 पुरुष।
- 2,83,44,107 परिवारों में हैं 215 जातियों-उप जातियों के लोग।
भविष्य का लक्ष्य तय करेंगे आंकड़े
सत्य और अहिंसा के पुजारी महात्मा गांधी की जयंती पर इस आंकड़ों को जारी करते हुए विकास आयुक्त विवेक कुमार सिंह ने इसके आर्थिक-सामाजिक विश्लेषण से इनकार नहीं किया।
उनकी मानें तो ये वास्तविकता के अत्यंत निकट के आंकड़े हैं। योजनाओं के निर्धारण व सभी वर्गों के संतुलित विकास के लिए ये उपयोगी अवयय होंगे। इसके आधार पर भविष्य का लक्ष्य तय किया जा सकेगा और हाशिये की जनसंख्या का उत्थान हो सकेगा। आमिर सुबहानी के अस्वस्थ होने के कारण विवेक कुमार सिंह अभी मुख्य सचिव के प्रभार में हैं।