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विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने आज गुरुवार को स्पष्ट किया कि भारत और पाकिस्तान के बीच कोई भी बातचीत केवल आतंकवाद के मुद्दे पर ही होगी। नई दिल्ली में होंडुरास के दूतावास के उद्घाटन के बाद पत्रकारों से बात करते हुए जयशंकर ने कहा कि प्रधानमंत्री ने पहले ही यह स्पष्ट कर दिया है कि पाकिस्तान से बातचीत का विषय सिर्फ आतंकवाद होगा। उन्होंने कहा, “पाकिस्तान को पता है कि उसे क्या करना है,आतंकियों को सौंपना और आतंकवादी ठिकानों को बंद करना। हम उनके साथ केवल आतंकवाद के मुद्दे पर ही बात करने को तैयार हैं।”

जयशंकर ने कहा कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए भयावह आतंकी हमले के बाद भारत को अंतरराष्ट्रीय समुदाय का भरपूर समर्थन मिला। इस हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई थी, जिसकी जिम्मेदारी पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े ‘द रेसिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) ने ली थी। जयशंकर ने बताया कि कई देशों के नेताओं और मंत्रियों ने प्रधानमंत्री और उन्हें फोन कर समर्थन जताया। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने भी एक प्रस्ताव पारित किया जिसमें हमले के दोषियों को सजा देने की बात कही गई थी।

जयशंकर ने बताया कि 7 मई को भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत आतंकियों को सजा दी। इस अभियान में भारत ने आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया। उन्होंने कहा, “हमने पाकिस्तान को पहले ही संदेश भेजा था कि हमारी कार्रवाई केवल आतंकियों के खिलाफ है, सेना को इससे अलग रहने की सलाह दी थी, लेकिन उन्होंने यह सलाह नहीं मानी। 10 मई की सुबह उन्हें भारी नुकसान हुआ। अब सैटेलाइट तस्वीरों से साफ है कि हमने कितना बड़ा नुकसान किया।”

वहीं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी आज श्रीनगर के बडामी बाग कैंटोनमेंट (15 कॉर्प्स मुख्यालय) में सैनिकों को संबोधित करते हुए कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ भारत का अब तक का सबसे बड़ा आतंक विरोधी अभियान था। उन्होंने कहा, “हमारे सिर पर हमला करने की कोशिश करने वालों को हमने छाती पर चोट मार कर गंभीर घाव दिया।” राजनाथ सिंह ने यह भी कहा कि भारत केवल तभी संघर्षविराम समझौते का पालन करेगा जब देश पर कोई आतंकी हमला नहीं होगा। उन्होंने यह भी मांग की कि पाकिस्तान की परमाणु सुविधा पर वैश्विक निगरानी रखी जानी चाहिए। –

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