
Biz Desk
भारतीय शेयर बाजारों ने मंगलवार को लगातार चौथे दिन मजबूती दर्ज की। ऑटो, ऊर्जा और ऑयल एंड गैस सेक्टर में जबरदस्त खरीदारी से बाजार में सकारात्मक माहौल बना रहा। वैश्विक स्तर पर मिलेजुले संकेतों के बावजूद निवेशकों ने घरेलू आंकड़ों और सेक्टोरल मजबूती पर भरोसा जताया।
बीएसई सेंसेक्स में 370 अंकों की बढ़त दर्ज हुई और यह 81,644 के स्तर पर बंद हुआ। वहीं, एनएसई निफ्टी ने 103 अंक चढ़कर 24,980 का स्तर छू लिया। अब निफ्टी महज 20 अंकों की दूरी पर है 25,000 के महत्वपूर्ण मनोवैज्ञानिक स्तर से, जिसे अगले कुछ कारोबारी सत्रों में पार किया जा सकता है।
मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों ने भी दमदार प्रदर्शन किया। बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स में 0.97% की बढ़त देखी गई, जो यह दिखाता है कि छोटे निवेशकों का रुझान भी बाजार में बना हुआ है।
शीर्ष बढ़त वाले शेयर: टाटा मोटर्स, अडानी पोर्ट्स और रिलायंस
सेंसेक्स के 30 में से 19 शेयर हरे निशान में बंद हुए। टाटा मोटर्स ने 3.5% की उछाल दर्ज की, जो त्योहारी सीजन से पहले बिक्री में तेजी की उम्मीद और वैश्विक ईवी बाजार की मजबूती के कारण हुआ।
अडानी पोर्ट्स में 3.1% की बढ़त रही, जो हाल में घोषित पोर्ट विस्तार परियोजनाओं और निर्यात-आयात आंकड़ों के सकारात्मक रहने से प्रेरित रही। वहीं, रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर 2.8% चढ़े, जिसमें कंपनी की ऊर्जा और रिटेल शाखाओं में संभावनाओं को लेकर निवेशकों का भरोसा दिखा।
वहीं, कुछ शेयरों में गिरावट भी देखी गई। बजाज फिनसर्व में 1% से अधिक की गिरावट आई। पावरग्रिड और महिंद्रा एंड महिंद्रा के शेयर 0.7% से अधिक लुढ़के।
सभी सेक्टर हरे निशान में, ऑयल एंड गैस सेक्टर में सबसे अधिक तेजी
बीएसई पर सभी सेक्टोरल इंडेक्स सकारात्मक दायरे में बंद हुए। सबसे ज्यादा बढ़त ऑयल एंड गैस सेक्टर में रही, जो 1.49% उछला। इसके बाद ऊर्जा सेक्टर में 1.48% और ऑटो सेक्टर में 1.45% की मजबूती दर्ज की गई।
अन्य क्षेत्रों जैसे कि कैपिटल गुड्स, बैंकिंग और एफएमसीजी सेक्टर में भी हल्की तेजी रही, जो बाज़ार की व्यापक मजबूती को दर्शाती है।
बाजार में चौतरफा खरीदारी, 2,600 से अधिक शेयरों में बढ़त
बीएसई पर 2,631 शेयरों में बढ़त दर्ज की गई, जबकि 1,437 शेयरों में गिरावट रही और 164 शेयरों के भाव अपरिवर्तित रहे। यह दर्शाता है कि बाजार की सामान्य धारणा सकारात्मक बनी हुई है।
विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने आज के सत्र में नेट खरीदारी की, जो हाल के कारोबारी रुझान का हिस्सा है। वैश्विक अस्थिरता के बीच भारत निवेशकों के लिए एक आकर्षक बाजार बना हुआ है।
आगे की रणनीति: सतर्कता जरूरी
हालांकि बाजार रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच रहे हैं, लेकिन विश्लेषकों का मानना है कि अब कुछ हद तक मुनाफावसूली और समेकन (consolidation) की संभावना है। निवेशकों की नजर अब अमेरिका और चीन के आर्थिक आंकड़ों, कच्चे तेल की कीमतों और फेडरल रिज़र्व के बयानों पर बनी हुई है।
घरेलू स्तर पर, त्योहारी मांग, मानसून की प्रगति, और नीतिगत स्थिरता जैसे कारक बाजार की चाल को दिशा देंगे।
