
AMN भुवनेश्वर
ओडिशा के बालासोर स्थित फकीर मोहन स्वायत्त महाविद्यालय की 20 वर्षीय छात्रा, जिसने एक शिक्षक द्वारा कथित यौन उत्पीड़न के विरोध में आत्मदाह का प्रयास किया था, की AIIMS-भुवनेश्वर में इलाज के दौरान मौत हो गई। यह घटना पूरे राज्य में गहरा आक्रोश और राजनीतिक तूफान लेकर आई है।
छात्रा ने एक फैकल्टी मेंबर पर लगातार यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। जब उसे इंसाफ नहीं मिला, तो उसने आत्मदाह जैसा कदम उठाया। उसकी हालत गंभीर बनी हुई थी और सोमवार रात को उसकी मौत हो गई।
मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने इस घटना को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए 20 लाख रुपये की अनुग्रह राशि की घोषणा की है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी AIIMS-भुवनेश्वर पहुंचकर पीड़िता के माता-पिता से मुलाकात की और गहरी संवेदना व्यक्त की।
घटना पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं तीव्र हो गई हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर सरकार को घेरते हुए लिखा, “इंसाफ के लिए लड़ती एक बेटी की मौत सिस्टम द्वारा की गई हत्या से कम नहीं है।”
पूर्व मुख्यमंत्री और बीजद अध्यक्ष नवीन पटनायक ने भी इस घटना को “झकझोर देने वाला और अत्यंत दुखद” बताया।
ओडिशा कांग्रेस ने इस मुद्दे पर गुरुवार को राज्यव्यापी बंद बुलाया है, जिसमें महिलाओं की सुरक्षा और छात्रा को न्याय दिलाने की मांग की गई है। वामदलों व एनसीपी सहित आठ दलों ने इस बंद को समर्थन दिया है।
इस मामले में अब तक पुलिस ने एक शिक्षक और कॉलेज के प्राचार्य को गिरफ्तार कर लिया है। दोनों को सरकार ने निलंबित भी कर दिया है।
यह घटना शैक्षणिक संस्थानों में छात्राओं की सुरक्षा और यौन शोषण के मामलों में जवाबदेही को लेकर गहरे सवाल खड़े कर रही है।