
बैंकॉक, थाईलैंड
मेक्सिको की फ़ातिमा बॉश ने शुक्रवार को थाईलैंड में आयोजित भव्य समारोह में मिस यूनिवर्स 2025 का ताज अपने नाम कर लिया। इस ऐतिहासिक जीत के साथ मेक्सिको ने अपना चौथा मिस यूनिवर्स खिताब हासिल कर लिया। बॉश की निजी जीवन–यात्रा इस प्रतियोगिता के प्रमुख आकर्षणों में रही—उन्होंने डिस्लेक्सिया और एटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर (ADHD) जैसी चुनौतियों के बावजूद स्वयं को सशक्त बनाते हुए वर्षों तक प्रवासी परिवारों, विस्थापित लोगों और कमजोर वर्गों की सेवा में योगदान दिया है। न्यूरोडायवर्सिटी और समावेशी शिक्षा को बढ़ावा देना उनके अभियान का मुख्य विषय रहा, जिसने निर्णायकों और दुनिया भर के दर्शकों को गहराई से प्रभावित किया।
इस वर्ष की मिस यूनिवर्स प्रतियोगिता में 90 से अधिक देशों की प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया, जिससे यह संस्करण हाल के वर्षों में सबसे विविध प्रतियोगिताओं में से एक रहा। फ़ातिमा बॉश के बाद मिस वेनेजुएला ने फर्स्ट रनर-अप का स्थान प्राप्त किया, जबकि मिस फिलीपींस सेकंड रनर-अप चुनी गईं। मिस कोट डी आइवोर ने प्रभावशाली प्रदर्शन और सांस्कृतिक प्रस्तुति के साथ थर्ड रनर-अप का स्थान हासिल किया।
भारत की ओर से प्रतिनिधित्व कर रही मानिका विश्वकर्मा के लिए यह शाम निराशाजनक रही, क्योंकि वह टॉप 12 की सूची में जगह बनाने में असफल रहीं। प्रीलिमिनरी राउंड में उनके मजबूत प्रदर्शन के बावजूद अंतिम चयन में वे आगे नहीं बढ़ सकीं। हरनाज़ कौर संधू की 2021 में मिली जीत के बाद भारत अब भी अगले मिस यूनिवर्स ताज का इंतज़ार कर रहा है।
बैंकॉक के इम्पैक्ट एरीना में आयोजित इस कार्यक्रम में सांस्कृतिक प्रस्तुतियों, इंटरव्यू, नेशनल कॉस्ट्यूम और ऊर्जावान प्रदर्शनों का सम्मिश्रण देखने को मिला। इस बार प्रतियोगिता में सामाजिक प्रभाव, मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता और समावेशी प्रतिनिधित्व पर विशेष बल दिया गया—वे क्षेत्र जहां फ़ातिमा बॉश का वर्षों का सामाजिक कार्य और व्यक्तिगत दृढ़ता निर्णायक सिद्ध हुई।
बॉश की जीत को मेक्सिको सहित दुनिया भर में साहस, संवेदना और नेतृत्व के प्रतीक के रूप में सराहा जा रहा है। मिस यूनिवर्स 2025 के रूप में अब उनसे उम्मीद है कि वे न्यूरोडायवर्सिटी, शिक्षा–सुलभता और प्रवासी समुदायों के कल्याण पर वैश्विक स्तर पर अभियानों को आगे बढ़ाएँगी।
