SUDHIR KUMAR

भारत की ऊर्जा क्षेत्र में एक ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज हुई है। केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने अंडमान बेसिन में प्राकृतिक गैस की खोज की घोषणा की है, जिसे देश के ऊर्जा भविष्य के लिए एक नया द्वार माना जा रहा है।

मंत्री ने इसे “ऊर्जा अवसरों का महासागर” बताते हुए कहा कि यह खोज लंबे समय से वैज्ञानिकों की उस मान्यता की पुष्टि करती है कि अंडमान सागर हाइड्रोकार्बन से समृद्ध है। यह खोज श्री विजयपुरम-2 कुएं में हुई है, जो अंडमान द्वीपसमूह के पूर्वी तट से लगभग 17 किलोमीटर दूर, 295 मीटर गहराई में स्थित है। प्रारंभिक उत्पादन परीक्षणों में 2,212 से 2,250 मीटर गहराई पर गैस की मौजूदगी साबित हुई है। लाए गए नमूनों में 87 प्रतिशत मिथेन की उच्च गुणवत्ता पाई गई।

हालाँकि आने वाले महीनों में भंडार के आकार और व्यावसायिक संभावनाओं का मूल्यांकन किया जाएगा, लेकिन यह पुष्टि ही भारत को वैश्विक ऊर्जा मानचित्र पर और सशक्त बनाती है। यह खोज म्यांमार से लेकर इंडोनेशिया तक फैले ऊर्जा-समृद्ध क्षेत्र की निरंतरता को भी रेखांकित करती है।

मंत्री पुरी ने कहा कि यह उपलब्धि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्वतंत्रता दिवस पर घोषित राष्ट्रीय गहरे समुद्र अन्वेषण मिशन (समुद्र मंथन) को मजबूती प्रदान करती है। इस मिशन का उद्देश्य समुद्री तेल और गैस भंडारों की खोज कर भारत को ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर और वैश्विक नेता बनाना है।

उन्होंने इसे भारत के अमृत काल में ऊर्जा आत्मनिर्भरता और प्रगति की दिशा में एक “महत्वपूर्ण मील का पत्थर” बताया और कहा कि इससे न केवल ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित होगी, बल्कि वैश्विक विशेषज्ञों के साथ सहयोग और नवाचार के नए अवसर भी खुलेंगे।