
इस वर्ष अमरनाथ यात्रा शांतिपूर्ण और व्यवस्थित माहौल में जारी है। 3 जुलाई से शुरू हुई इस पवित्र तीर्थयात्रा में अब तक 2.73 लाख से अधिक श्रद्धालु पवित्र गुफा में बाबा बर्फानी के दर्शन कर चुके हैं। आज शनिवार को जम्मू के भगवती नगर से 6,365 श्रद्धालुओं का नया जत्था रवाना हुआ। ये श्रद्धालु दो अलग-अलग काफिलों में बालटाल और पहलगाम के बेस कैंप की ओर बढ़े। पहले जत्थे में 2,851 यात्री 92 वाहनों के साथ बालटाल रवाना हुए, जबकि दूसरे जत्थे में 3,514 यात्री 119 वाहनों से पहलगाम की ओर बढ़े।
10 जुलाई को भगवान शिव की प्रतीक ‘छड़ी मुबारक’ का भूमि पूजन पहलगाम के गौरी शंकर मंदिर में संपन्न हुआ। यह छड़ी महंत स्वामी दीपेन्द्र गिरि के नेतृत्व में श्रीनगर से लाई गई थी और पूजन के बाद उसे वापस दशमी अखाड़ा भवन में रखा गया। अब यह 4 अगस्त को अंतिम यात्रा पर पवित्र गुफा के लिए रवाना होगी और 9 अगस्त को रक्षाबंधन के दिन गुफा में पहुंचेगी, जो यात्रा का आधिकारिक समापन होगा।
पहलगाम आतंकी हमले की पृष्ठभूमि को देखते हुए इस बार सुरक्षा के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं। सेना, बीएसएफ, सीआरपीएफ, एसएसबी और स्थानीय पुलिस के अलावा 180 अतिरिक्त अर्धसैनिक बलों की तैनाती की गई है।
श्रद्धालु पारंपरिक पहलगाम मार्ग (46 किमी, चार दिन की पदयात्रा) या छोटा बालटाल मार्ग (14 किमी, एक दिन में दर्शन) से पवित्र गुफा तक पहुंचते हैं। इस वर्ष सुरक्षा कारणों से हेलीकॉप्टर सेवा नहीं दी जा रही है।
पवित्र गुफा में बनने वाली बर्फ की शिवलिंग जैसी आकृति, जिसे श्रद्धालु भगवान शिव की दिव्य शक्ति का प्रतीक मानते हैं, चंद्रमा के घटने-बढ़ने के साथ अपना आकार बदलती रहती है।
