AISF हर साल अशफ़ाक़-बिस्मिल की शहादत पर क़ौमी एकता दिवस मानाती रही है। इसी कड़ी में उनके 89वी शहादत दिवस पर AISF जामिया यूनिट ने “अशफ़ाक़-बिस्मिल की शहादत और उनका भारत के लिए सपना” पर एक प्रोग्राम रखा । इस प्रोग्राम की शुरुआत शबाब के कविता पाठ से शुरू हुई उसके बाद सालेहीन हारिष ने “अशफ़ाक़-बिस्मिल की दोस्ती और आज के भारत की तस्वीर” दिखाते हुए एक लेख पढ़ा ।
इस प्रोग्रम के मुख्य वक्ता रहे प्रोफ. सुबोध नारायण मालाकार साहब ने कहा कि आज के मौजूदा दौर में हमे अशफ़ाक़ – बिस्मिल के दोस्ती को याद करना बेहद ज़रूरी है। जिस तरह भारत में साम्प्रदायिकता बढ़ रही है उसको देखते हुए देश के नौजवानों को जागरूक होने की ज़रूरत है ।
इस प्रोग्राम को सफल बनाने के लिए AISF जामिया यूनिट के शाहनवाज़, मिन्हाज,अकमल बलरामपुरी, इमरान, हिदायत, सालेहीन, शरीक, शबाब,दानिश, इलाही ने सफल बनाने में योगदान दिया और AISF दिल्ली स्टेट से अमृता मौजूद रही।