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प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने कहा है कि 21वीं सदी में तेजी से आगे बढ़ते भारत के माहौल में शहरों का नियोजित होना समय की आवश्‍यकता है। शहरी नियोजन, विकास और स्‍वच्‍छता पर बजट उपरान्‍त वेबिनार में अपने विचार साझा करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि शहरी नियोजन अमृतकाल में देश के शहरों की नियति निर्धारित करेगा। उन्‍होंने कहा कि नये शहरों के विकास और मौजूदा शहरों में सेवाओं को आधुनिक बनाना शहरी विकास के दो महत्‍वपूर्ण पहलू हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस वर्ष के बजट में शहरी विकास के मानदंडों के लिए पन्‍द्रह हजार करोड़ रूपये के प्रोत्‍साहन की घोषणा की गई है और इससे नियोजित शहरीकरण को बढ़ावा मिलेगा। उन्‍होंने शहरी विकास में नियोजन और प्रशासन की महत्‍वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया और कहा कि शहरों की खराब योजना और गलत कार्यान्‍वयन से भारत की विकास यात्रा के लिए बड़ी चुनौतियां खड़ी हो सकती हैं। श्री मोदी ने कहा कि स्‍थानिक नियोजन, परिवहन योजना और शहरों में मूल सुविधाओं के विकास पर विशेष ध्‍यान देना होगा ।

प्रधानमंत्री ने विशेषज्ञों से नये विचारों के साथ आगे आने को कहा और भौगोलिक सूचना प्रणाली, नियोजन के विभिन्‍न पहलूओं को विकसित करने, कार्यकुशल मानव संसाधन और क्षमता निमार्ण में विशेषज्ञों की महत्‍वपूर्ण भूमिका का उल्‍लेख किया। श्री मोदी ने कहा कि शहरों के विकास में परिवहन योजना का बड़ा महत्‍व है।

2014 से पहले मेट्रो सम्‍पर्क का उल्‍लेख करते हुए श्री मोदी ने बताया कि मौजूदा सरकार अनेक शहरों में मेट्रो रेल परियोजनाओं पर काम कर रही है और मेट्रो कनेक्‍टविटी के मामले में भारत कई देशों से आगे निकल गया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि सड़कों का विस्‍तार, हरित सचलता, ऊंची सड़कों का निर्माण और जंक्‍शन सुधार को परिवहन योजना में शामिल किया जाना चाहिए।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत चक्रीय अर्थव्‍यवस्‍था को शहरी नियोजन का प्रमुख स्‍तम्‍भ बना रहा है। उन्‍होंने कहा कि शहरों में बैटरी कचरे, बिजली कचरे, वाहन कचरे समेत विभिन्‍न प्रकार के कचरों को कम्‍पोस्‍ट बनाने के लिए इस्‍तेमाल किया जा रहा है। उन्‍होंने बताया कि आज 75 प्रतिशत कचरे का प्रसंस्‍करण किया जा रहा है जबकि 2014 में केवल 14 से 15 प्रतिशत कचरा ही संसाधित हो पाता था। प्रधानमंत्री ने कहा कि अगर यह कदम पहले उठा लिया गया होता तो भारत के शहरों में कूड़े के पहाड़ खड़े नहीं होते। श्री मोदी ने कहा कि शहरों को कूड़े के ढेरों से मुक्‍त करने का काम जारी है और इससे अनेक उद्योगों के कचरे को रिसाइकिल करने के अवसर मिलेंगें। उन्‍होंने कहा कि सरकार जो योजनाएं और नीतियां बना रही है उनसे शहरों में न केवल लोगों का जीवन सुगम होगा बल्कि शहरों का भी विकास होगा।