सरकार से शिक्षा के लिए हक़ दिलाना सबसे बड़ा काम
उत्तर पूर्वी दिल्ली के मुस्तफाबाद इलाके मे सोफिया एजुकेशनल एंड वेलफेयर सोसाइटी ने कलिंगा इंस्टिट्यूट ऑफ़ सोशल साइंस मे 73 अल्पसंख्यक बच्चों का दाखिला कराकर उन्हें शिक्षा के प्रेरित किया किसी भी समाज का उत्थान तभी संभव है जब उस समाज को शिक्षित कर दिया जाये ऐसे ही काम को अंजाम देने के लिए सौफिया एन.जी. ओ. ने अपने पूरी टीम के साथ समाज के बेहद गरीब परिवारों के बच्चों को एक प्राइवेट इंग्लिश मीडियम स्कूल मे दाखिला दिलाकर एक बहुत बड़े काम को अंजाम दिया है यह स्कूल दिल्ली सरकार के एस सी/ एस टी/ अन्य पिछड़ा वर्ग/ अल्पसंख्यक विभाग की मदद से चलता है और शिक्षा के साथ साथ हॉस्टल मे रहना, खाना, किताबें/ यूनिफार्म/ कपडे आदि सब बिलकुल निशुल्क है और यह स्कूल पहले क्लास से बारहवीं क्लास तक है
हमेशा से मुस्लिम समुदाय के लोगो की ये शिकायत रहती है कि सरकार हमारे लिए कुछ नहीं कर रही है लकिन हकीकत कुछ और ही होती है सही मायने मे हमें उन तमाम स्कीमों के बारे मे मालूम नहीं होता और उनमे क्या कागजात की जरूरत है सौफिया जैसे संस्थान इस बात का सबूत है कि दिल्ली सरकार या भारत सरकार की स्कीमों को लिया जा सकता है लकिन हमे थोड़ी मेहनत करने पड़ेगी और अपने कागजात पुरे करने पड़ेंगे तभी हम सभी सरकारी फायदे ले पाएंगे
सोफ़िया की टीम ने करीब दो महीने लगकर बेहद गरीब मुस्लिम समुदाय के लोगो के कागजात पुरे कराये और उनके दाखिला दिलाने मे मद्दद की और खासकर लड़कियों की दाखिले कराने पर जोर दिया एक गरीब महिला मुस्कान जिसके दो बेटियां है और उसके पति ने उसे छोड़ दिया है वो रेन बसेरा मे रहती है उसके पास न तो घर है , न खाने के लिए पैसे और न ही बच्चों को पढ़ाने के लिए पैसे उसकी एक बेटी 6 साल की है सोफ़िया के टीम ने उस बच्ची के एडमिशन के लिए सारे कागजात पुरे कराकर उसका एडमिशन करवा दिया जो बहुत ही प्रेरणा से भरा है
सीनियर आई ए एस श्री एस ई रिज़वी ने अभिवावको को सम्बोधित करते हुए कहा कि आप अपने बच्चों को पढ़ाने के लिए जिस स्कूल मे भेज रहे है वो स्कूल दुनिया का सबसे ज्यादा हॉस्टल मे रहकर पढ़ाने वाला दुनिया का सबसे बड़ा स्कूल है जिसकी ये नई साखा है और आपको होसला रखना होगा और मजबूती से अपने आप पर काबू रखकर उन्हें प्रेरित करना है और मुझे पूरी उम्मीद ही नहीं यकीन है कि एक दिन ये बच्चे जरूर आपका नाम रोशन करेंगे मैं सोफ़िया की टीम को इस बड़े काम के लिए मुबारकबाद देता हूँ कि उन्होंने 73 बच्चो की जिंदगी बदलने की लिए इससे बड़ा कदम और क्या हो सकता है
इस मोके पर सुहैल सैफी(संस्था अध्यक्ष) ने कहा की बच्चे समाज का आईना होते है और हम उनमे अपने देश का भविष्य और तरक्की देखते है इसलिए हम जितने भी कोशिश बच्चों को पढ़ाने के लिए कर सकते है हम कर रहे है खासकर वो परिवार जो अपने बच्चों को नहीं पढ़ा पा रहे है उनके बच्चों को सरकारी मदद दिलाकर पढ़ाना हमारा मकशद है और आज हम उसमे कामयाब भी हुए है ये दिन हमारे लिए किसी सपने को सच होने जैसा है इससे बड़ा दिन सोफ़िया के लिए नहीं हो सकता है इस मोके पर मास्टर शेर मोहम्मद, हाजी ताहिर हुसैन सैफी, डॉ इम्तयाज, मास्टर अबु बकर, कफील, बादशाह खान, हरीश और सोफ़िया की तमाम टीम मौजूद रही