इंद्र वशिष्ठ,
उत्तर पश्चिम जिले के डीसीपी जितेंद्र कुमार मीणा ने तीन पुलिसकर्मियों को लाइन हाज़िर कर दिया है। केशव पुरम थाना के ओंकार नगर इलाके में पुलिस बूथ नंबर 7 पर तैनात हवलदार अजय, हवलदार सुमन और सिपाही अशोक ने पुलिस बूथ से रेहड़ी वाले को बिजली का अवैध कनेक्शन दिया था। इस पत्रकार ने यह मामला उजागर किया।
डीसीपी जितेंद्र कुमार मीणा ने बताया कि हवलदार अजय, हवलदार सुमन और सिपाही अशोक को बीट से हटा कर जिला पुलिस लाइन में भेज दिया गया है।
केशवपुरम थाना इलाके में ओंकार नगर, त्रीनगर में नाले पर पुलिस बूथ नंबर सात बना हुआ है। इस बूथ के बाहर ही मैंगो शेक/बनाना शेक की रेहड़ी लगाई जाती थी। बूथ के अंदर से ही तार लगा कर रेहड़ी पर बिजली दी गई । इस बिजली से ही रेहड़ी पर जूसर /मिक्सी चलाई जाती और रोशनी की व्यवस्था की जाती।
इस बूथ के बाहर सुबह और शाम को दो अलग लोगों द्वारा रेहड़ियां लगाई जाती। यहीं नहीं इस बूथ के आसपास सुबह छोले भटूरे और शाम को अंडे वाले आदि की रेहड़ी लगाई जाती है। माल ढुलाई वाले तिपहिया वाहन भी बूथ के साथ और आसपास खड़े रहते हैं। इन अतिक्रमणों के कारण सड़क का रास्ता संकरा हो जाता है जिससे यातायात बाधित तो होता ही है लोगों को असुविधा का सामना करना पड़ता है।
यह सब हो रहा है इसके लिए वरिष्ठ पुलिस अफसरों के साथ साथ सबसे ज्यादा जिम्मेदार एसएचओ होता है।
पुलिस बूथ पर ही रेहड़ी/ दुकान लगवाने और रेहड़ी पर बूथ से बिजली कनेक्शन दिए जाने से साफ़ पता चलता है कि एसएचओ पुलिस बूथ का दौरा नहीं करता, इलाके में या तो गश्त नहीं करता या ऐसे मामले में उसकी भी मिलीभगत होती है। दोनों ही सूरत में एसएचओ जिम्मेदार है। एसएचओ अगर ईमानदारी से गश्त करें, पुलिस बूथ का दौरा/निरीक्षण करें, तो बीट में तैनात पुलिस वाले इस तरह का दुस्साहस नहीं कर सकते।