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केंद्रीय कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह ने संसद को जानकारी दी कि बीते तीन वर्षों में भारत ने कुल 35.642 अरब डॉलर मूल्य के सूती वस्त्रों का निर्यात किया है। इस निर्यात में सूती धागा, कपड़े, मेड-अप्स, अन्य टेक्सटाइल यार्न, फैब्रिक्स और कच्चा कपास शामिल हैं। भारत की टेक्सटाइल इंडस्ट्री वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनी हुई है और आने वाले वर्षों में इसके और विस्तार की योजना है।
गिरिराज सिंह ने बताया कि सरकार ने ‘विजन 2030’ के तहत कपास उत्पादन और गुणवत्ता में सुधार के लिए व्यापक योजना बनाई है। इसके अंतर्गत 2025-26 के केंद्रीय बजट में ‘कपास उत्पादकता मिशन’ की शुरुआत की गई है। इस पांच वर्षीय मिशन का उद्देश्य अत्याधुनिक कृषि तकनीकों, बायोटेक्नोलॉजी, और क्लाइमेट-रेजिलियंट बीजों के माध्यम से किसानों की मदद करना है, ताकि उन्हें अधिक उत्पादन और बेहतर रेशे की गुणवत्ता प्राप्त हो सके। मिशन का संचालन कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग (DARE) करेगा और कपड़ा मंत्रालय इसमें साझेदार रहेगा।
गिरिराज सिंह ने यह भी बताया कि निफ्ट (राष्ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान) ने अमेरिका, यूके, फ्रांस, जापान समेत 14 देशों के 22 से अधिक संस्थानों से सहयोग स्थापित किया है। इन साझेदारियों के तहत छात्र और संकाय विनिमय, संयुक्त शोध, डिग्री कार्यक्रम और पाठ्यक्रम विकास शामिल हैं। बीते पांच वर्षों में 100 से अधिक छात्र व संकाय सदस्य अंतरराष्ट्रीय एक्सचेंज कार्यक्रमों में भाग ले चुके हैं।
यह समग्र रणनीति भारत को वैश्विक वस्त्र व्यापार में अग्रणी बनाने की दिशा में मजबूत कदम है।
