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उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने आज नई दिल्ली में 16वें लोक सेवा दिवस समारोह का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उपराष्ट्रपति ने कहा कि लोक सेवा दिवस लोक सेवकों के लिए स्वयं को फिर से समर्पित करने और अपनी प्रतिबद्धता को नवीनीकृत करने का एक अवसर है। उन्होंने कहा कि 1947 में आज ही के दिन भारत के लौह पुरुष- सरदार वल्लभभाई पटेल ने लोक सेवकों को ‘भारत का स्टील फ्रेम’ कहा था। उपराष्ट्रपति ने जोर देकर कहा कि भारत के हित को हमेशा सर्वोपरि रखना हमारा सामूहिक ‘धर्म’ है। लोक सेवा के महत्व के बारे में उपराष्ट्रपति ने कहा कि सबसे कठिन परीक्षा में सफल होने के बाद भी, लोक सेवकों के वित्तीय लाभों की तुलना उपलब्ध विकल्पों से नहीं की जा सकती है। लेकिन सिविल सेवा में कुछ खास है, जो एक लोक सेवक को लोगों की सेवा और उत्थान करने का एक अनूठा अवसर देता है। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह और सरकार के विभिन्न विभागों के अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।