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सुलभ इंटरनेशनल के ऑफिस में ध्वाजारोहण के कार्यक्रम के दौरान अचानक तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें एम्स दिल्ली में भर्ती कराया गया.कार्डियक अरेस्ट होने पर मंगलवार 15 अगस्त करीब डेढ़ बजे एम्स दिल्ली इमरजेंसी में लाया गया.डॉक्टरों ने उन्हें सीपीआर देकर धड़कन वापस पाने की कोशिश की लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली.इसके बाद डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिंदेश्वर पाठक के निधन पर दुख जताया हैबिंदेश्वर पाठक 1968 में कॉलेज की पढ़ाई पूरी करने के बाद बिहार गांधी शताब्दी समारोह समिति के भंगी-मुक्ति (मेहतरों की मुक्ति) प्रकोष्ठ में शामिल हुए, जिसने उन्हें भारत में मैला ढोने वाले समुदाय की दुर्दशा के बारे में पता चला.इस समुदाय की स्थिति में सुधार के लिए उन्होंने 1970 में सुलभ इंटरनेशनल की स्थापना कर नागरिकों को स्वच्छ शौचालय की सुविधा देने की पहल थी.डॉ. पाठक को 2003 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था.बिंदेश्वर पाठक बिहार के वैशाली के रहने वाले थे۔ सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक बिंदेश्वर पाठक के निधन पर मुख्यमंत्री ने गहरी शोक संवेदना व्यक्त की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने शोक संदेश में कहा है कि बिहार के वैशाली जिला के रहनेवाले बिंदेश्वर पाठक जी का स्वच्छता एवं सामाजिक कार्य के प्रति अहम योगदान था, जिसे भुलाया नहीं जा सकता है.उन्हें पद्म भूषण सहित कई राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था.बिंदेश्वर पाठक जी वंचितों को सशक्त बनाने के साथ-साथ सामाजिक प्रगति के लिये लगातार काम करते रहे.स्वच्छता के प्रति उनका जुनून लोगों को प्रेरित करता रहेगा.मुख्यमंत्री ने कहा है कि बिंदेश्वर पाठक जी के निधन के समाचार से उन्हें गहरा दुख हुआ है.