
JAMA Internal Medicine में प्रकाशित एक हालिया अध्ययन में यह निष्कर्ष निकला है कि अधिक मात्रा में मक्खन का सेवन मृत्यु दर बढ़ा सकता है, जबकि वनस्पति आधारित तेलों का सेवन समय से पहले मृत्यु के जोखिम को घटा सकता है।
यह अध्ययन अमेरिका के तीन बड़े स्वास्थ्य समूहों में शामिल 2.2 लाख से अधिक वयस्कों पर किया गया, जिन्हें 33 वर्षों तक ट्रैक किया गया। इस शोध का उद्देश्य मक्खन और वनस्पति तेलों के सेवन और उनकी स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभावों के बीच संबंध को स्पष्ट करना था।
अध्ययन में पाया गया कि अधिक मक्खन सेवन करने वालों में कुल मृत्यु दर का खतरा 15% अधिक था। इसके विपरीत, जिन लोगों ने ज्यादा मात्रा में वनस्पति तेल जैसे कि ऑलिव ऑयल, सोयाबीन ऑयल और कैनोला ऑयल का सेवन किया, उनमें मृत्यु दर 16% तक कम देखी गई। साथ ही, इन तेलों का सेवन कैंसर और हृदय रोग से होने वाली मृत्यु के खतरे को भी कम करने में सहायक पाया गया।
सबसे अहम बात यह सामने आई कि यदि कोई व्यक्ति प्रतिदिन 10 ग्राम मक्खन को वनस्पति तेल से बदलता है, तो उसमें कुल मृत्यु दर और कैंसर मृत्यु दर में लगभग 17% की कमी देखी जा सकती है।
अध्ययनकर्ताओं ने निष्कर्ष निकाला कि मक्खन की जगह स्वास्थ्यवर्धक वनस्पति तेलों को अपनाना न केवल स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा देता है, बल्कि समय से पहले मृत्यु के खतरे को भी कम कर सकता है।