Last Updated on November 13, 2025 11:32 pm by INDIAN AWAAZ

BIZ DESK
भारतीय शेयर बाजार गुरुवार को तेज उतार-चढ़ाव वाले सत्र के बाद लगभग स्थिर बंद हुए। दिनभर में सेंसेक्स में करीब 600 अंकों का झूलाव देखने को मिला। निवेशक भारत-अमेरिका व्यापार समझौते और बिहार विधानसभा चुनाव परिणामों से पहले सतर्क दिखाई दिए।
सेंसेक्स 12.16 अंकों की मामूली बढ़त के साथ 84,478.67 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 50 9.10 अंक बढ़कर 25,884.90 पर बंद हुआ। दोनों प्रमुख सूचकांकों ने लगातार चौथे दिन बढ़त दर्ज की, हालांकि मुनाफावसूली के चलते शुरुआती लाभ सीमित रह गया।
एनालिस्टों का कहना है कि बाजार में यह सुस्ती वैश्विक और घरेलू कारकों के बीच अस्थिरता का परिणाम है। अमृता शिंदे (चॉइस इक्विटी ब्रोकिंग) ने निवेशकों को “डिप पर खरीदें” रणनीति अपनाने और ट्रेलिंग स्टॉप लॉस का इस्तेमाल करने की सलाह दी ताकि जोखिम नियंत्रित रहे।
वी. के. विजयकुमार (जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज) ने कहा कि बाजार को अब नए ट्रिगर की जरूरत है। “बिहार चुनाव परिणाम पहले से ही बाजार में शामिल हैं। अगर नतीजे एग्जिट पोल से अलग हुए, तो अस्थायी उतार-चढ़ाव संभव है। असली ध्यान भारत-अमेरिका व्यापार समझौते पर रहेगा, जो टैरिफ बाधाओं को कम कर सकता है और निर्यात को बढ़ावा दे सकता है,” उन्होंने कहा।
उन्होंने आगे बताया कि अक्टूबर में खुदरा मुद्रास्फीति घटकर 0.25% पर आने से दिसंबर में मौद्रिक नीति समिति (MPC) द्वारा दर कटौती की संभावना बन सकती है, हालांकि बैंकिंग प्रणाली में कमजोर प्रसारण (Transmission) अभी चुनौती है।
सेक्टरवार प्रदर्शन:
- आईटी और टेक: अमेरिकी मांग में सुधार की उम्मीदों और स्थिर रुपये के कारण हल्की बढ़त।
- बैंकिंग और फाइनेंस: मिला-जुला रुझान, सरकारी बैंकों में खरीदारी जबकि प्राइवेट बैंकों में हल्की मुनाफावसूली।
- ऑटो सेक्टर: ग्रामीण मांग में कमजोरी और लागत बढ़ने से हल्की गिरावट।
- एफएमसीजी: मुद्रास्फीति घटने की उम्मीदों से मामूली बढ़त।
- ऊर्जा और धातु: वैश्विक कमोडिटी दामों में नरमी से दबाव में।
कुल मिलाकर, विशेषज्ञों का मानना है कि बाजार अब संवेदनशील नीति संकेतों और वैश्विक घटनाओं पर प्रतिक्रिया देते हुए कंसॉलिडेशन फेज में रहेगा। वर्ष 2025 में अब तक सेंसेक्स और निफ्टी में लगभग 8% की बढ़त दर्ज की गई है, जो ऊँचे मूल्यांकन और एफआईआई की बिकवाली के बावजूद स्थिरता दर्शाती है।
