AMN / नई दिल्ली
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा कल राज्यसभा में दिए गए भाषण में डॉ. बीआर अंबेडकर पर की गई टिप्पणी के खिलाफ विपक्षी दलों ने आज संसद भवन परिसर में विरोध प्रदर्शन किया। कांग्रेस, डीएमके, वामदल, आरजेडी, आप और कुछ अन्य दलों के सदस्य इस विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए, जिसमें कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे, डीएमके सांसद टी आर बालू और आरजेडी के मनोज झा भी शामिल हुए।
संसद में आज अंबेडकर मुद्दे पर विपक्ष ने जोरदार हंगामा किया। जिसके बाद लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही दोपहर दो बजे तक स्थगित हो गई। उधर, राज्यसभा में जबरदस्त हंगामे के बीच संसदीय कार्य मंत्री रिजिजू ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का बचाव किया। रिजिजू के बयान के बाद राज्यसभा के सभापति जगदीप धनकड़ ने शोर-शराबे के बीच दोपहर करीब 12:15 पर सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
दोपहर दो बजे लोकसभा और राज्यसभा में हंगामा जारी रहा, जिसके चलते शोर-शराबे के बीच दोनों सदनों की कार्यवाही शुक्रवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
‘आप लोग अंबेडकर… जपते हैं, अच्छा होता भगवान का नाम लेते’: शाह के बयान पर विपक्ष का हंगामा
दरअसल मंगलवार को राज्यसभा में संविधान पर चर्चा के दौरान बोलते हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के एक बयान पर कांग्रेस ने आपत्ति जताई थी और उसे अंबेडकर का अपमान बताया था। कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने कहा, “कल यह स्पष्ट हो गया कि कौन किसका अपमान करता है।
रमेश ने आज मीडिया से सवाल करते हुए कहा कि “कल संविधान पर बहस के दौरान राज्यसभा में गृहमंत्री अमित शाह ने डॉ. बाबा साहेब अंबेडकर का अपमान किया। उन्होंने कहा कि आप अंबेडकर… जपते रहते हैं, इसकी जगह भगवान का नाम लेते तो अच्छा होता, यह डॉ. अंबेडकर का अपमान नहीं तो और क्या है?”
किरेन रिजिजू ने दी सफाई
राज्यसभा में विपक्ष के हंगामे के दौरान संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू सफाई दी। रिजिजू ने कहा कि अमित शाह ने बाबा साहेब का अपमान नहीं किया। उन्होंने कहा था कि कांग्रेस ने उनके जिंदा रहते कभी उनका सम्मान नहीं किया।
आप सांसद का किसान आंदोलन को लेकर स्थगन प्रस्ताव नोटिस
आप सांसद मलविंदर सिंह कंग ने लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव नोटिस दिया है और किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल पर चर्चा की मांग की है, जो किसानों के मुद्दों को लेकर पिछले 22 दिनों से भूख हड़ताल पर हैं।
बीजेपी के पास दो तिहाई बहुमत नहीं: प्रियंका चतुर्वेदी
शिवसेना (यूबीटी) नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि भाजपा सरकार के पास एक राष्ट्र, एक चुनाव विधेयक को जेपीसी को भेजने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। उन्होंने कहा, “वे यह भी जानते हैं कि उनके पास दो-तिहाई बहुमत नहीं है। ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के प्रति प्रतिबद्धता की कोई भावना नहीं है यह संविधान विरोधी, संघवाद विरोधी, मतदाता विरोधी है। मुझे लगता है कि भाजपा के लिए इस पर मंजूरी पाना मुश्किल काम होगा। “