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पहलगाम आतंकी हमले के बाद आतंकवादियों के खिलाफ भारत द्वारा चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर में तुर्किये ने पाकिस्तान को मदद की। इसके बाद देश भर में तुर्किये का बहिष्कार किया जा रहा है। इसी कड़ी में गुरुवार को जामिया मिलिया इस्लामिया, नई दिल्ली ने भी एक महत्वपूर्ण घोषणा की है।

जामिया ने तुर्किये सरकार से संबद्ध किसी भी संस्थान के बीच किसी भी तरह के समझौता ज्ञापन को तत्काल प्रभाव से अगले आदेश तक निलंबित कर दिया है। कल बुधवार को जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) ने भी तुर्किये के एक विश्वविद्यालय के साथ तीन साल की अवधि के लिए किए गए समझौता ज्ञापन को स्थगित कर दिया था।

जामिया मिलिया इस्लामिया के एक्स अकाउंट पर पोस्ट डालकर इसकी जानकारी दी गई है। जिसमें लिखा है कि ‘राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर, तुर्किये सरकार से संबद्ध किसी भी संस्थान के बीच किसी भी समझौता ज्ञापन (एमओयू) को तत्काल प्रभाव से अगले आदेश तक निलंबित किया गया है। जामिया मिलिया इस्लामिया राष्ट्र के साथ मजबूती से खड़ा है’।

कल जेएनयू ने तीन साल के लिए समझौता ज्ञापन कर दिया था स्थगतिइससे पहले कल यानि बुधवार को जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) ने भी तुर्किये के एक विश्वविद्यालय के साथ तीन साल की अवधि के लिए किए गए समझौता ज्ञापन को स्थगित कर दिया था। जेएनयू की ओर से ऐसा करने की पीछे की वजह सुरक्षा कारणों को बताया गया है। विश्वविद्यालय द्वारा जारी आधिकारिक बयान में लिखा है, “राष्ट्रीय सुरक्षा कारणों से जेएनयू और इनोनू विश्वविद्यालय, तुर्किये के बीच समझौता ज्ञापन को अगली सूचना तक निलंबित कर दिया गया है।” तुर्किये के मालट्या में स्थित इनोनू विश्वविद्यालय ने क्रॉस-कल्चरल रिसर्च और छात्र सहयोग को बढ़ावा देने के प्रयासों के तहत जेएनयू के साथ अकादमिक साझेदारी की थी।

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