
ईरान और इज़राइल के बीच बढ़ते संघर्ष ने शुक्रवार तड़के एक नया मोड़ ले लिया, जब दक्षिणी इज़राइल के सबसे बड़े अस्पताल सोरोका मेडिकल सेंटर पर एक ईरानी मिसाइल ने सीधा हमला किया। इस हमले में अस्पताल की इमारत को गंभीर क्षति पहुंची है और दर्जनों लोग घायल हुए हैं, जिनमें मरीजों के साथ-साथ चिकित्सा कर्मी भी शामिल हैं।
इज़राइली मीडिया ने अस्पताल से उठते काले धुएं और टूटे हुए शीशों की तस्वीरें साझा की हैं, जो इस हमले की गंभीरता को दर्शाती हैं। नागरिक स्वास्थ्य सेवाओं पर यह हमला अब तक की सबसे खतरनाक घटनाओं में से एक माना जा रहा है, और इससे इस संघर्ष के चरित्र में एक खतरनाक बदलाव की आशंका जताई जा रही है।
यह हमला उस समय हुआ जब ईरान ने इज़राइल के खिलाफ अपनी 14वीं मिसाइल हमले की लहर शुरू की। 25 से अधिक मिसाइलें इस बार दागी गईं, जिनका निशाना इज़राइल के रणनीतिक और नागरिक ठिकाने बने। ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स ने दावा किया है कि उन्होंने इज़राइली सेना के साइबर कमांड हेडक्वार्टर और गाव याम स्थित खुफिया केंद्र को सफलतापूर्वक निशाना बनाया।
एक अन्य मिसाइल ने तेल अवीव के पास एक ऊंची इमारत और कई रिहायशी इमारतों को भी नुकसान पहुंचाया। इज़राइल की राष्ट्रीय आपात सेवा के अनुसार, कम से कम 40 लोग घायल हुए हैं। वहीं, तेल अवीव स्टॉक एक्सचेंज की इमारत को भी नुकसान की खबर है। कुल मिलाकर, अब तक ईरानी हमलों में 24 लोगों की मौत हो चुकी है, और घायलों की संख्या लगातार बढ़ रही है।
जवाबी कार्रवाई में इज़राइल ने बीती रात ईरान के नतांज़ परमाणु केंद्र पर एक बड़ा हमला किया। इज़राइली सेना का कहना है कि वहां परमाणु हथियारों के विकास से जुड़ा उपकरण और सामग्री मौजूद है। यह इस सप्ताह नतांज़ पर दूसरा हमला है। अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के अनुसार, यूरेनियम संवर्धन के लिए इस्तेमाल होने वाली महत्वपूर्ण मशीनरी नष्ट हो चुकी है।
इसके अतिरिक्त, इज़राइली सेना ने अराक भारी जल रिएक्टर को भी निशाना बनाया है, जो प्लूटोनियम उत्पादन में सक्षम माना जाता है — और इसलिए परमाणु बम निर्माण में इस्तेमाल किया जा सकता है।
इज़राइली रक्षा बलों (IDF) का दावा है कि उन्होंने अब ईरानी हवाई क्षेत्र में पूर्ण वर्चस्व स्थापित कर लिया है, और ईरान के एक-तिहाई मिसाइल लॉन्चरों को नष्ट कर दिया है, कई को तो दागे जाने से ठीक पहले ही।
इस रणनीतिक बढ़त के चलते इज़राइल ने तेहरान तक एक ‘हवाई गलियारा’ बना लिया है, जिससे वह अब ईरानी राजधानी के सैन्य ठिकानों पर सीधे हमले कर रहा है। ईरान के अराक और खोंदाब गांवों के निवासियों को खाली करने की चेतावनी जारी कर दी गई है।
हालांकि इज़राइल को अब वायु क्षेत्र में बढ़त मिल गई है, ईरान की रिवोल्यूशनरी गार्ड अब भी हर दिन सीमित लेकिन निशानदेही वाले हमले कर रही है। विश्लेषकों का मानना है कि ईरानी लॉन्च साइटों के नष्ट हो जाने के कारण हमलों की संख्या घटी है।
इस बीच, संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस बात पर विचार कर रहे हैं कि क्या अमेरिका को सैन्य介入 करना चाहिए। ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई ने वॉशिंगटन को चेतावनी दी है कि यदि अमेरिकी सेनाएं ईरानी धरती पर हमला करती हैं, तो इसके “गंभीर और अपूरणीय परिणाम होंगे।”
जैसे-जैसे दोनों देश अपने हमलों को और तेज कर रहे हैं, आम नागरिक सबसे बड़ी कीमत चुका रहे हैं। सोरोका अस्पताल पर हुआ हमला इस युद्ध का टर्निंग पॉइंट साबित हो सकता है, जो आने वाले दिनों में संघर्ष को और अधिक जटिल और खतरनाक बना सकता है।