यासमीन बानो
पूरे देश में जहां एक ओर बारिश लोगों को राहत पहुंचा रही है, वहीं दूसरी ओर परेशानी का सबब भी बनने लगी है। बारिश की वजह से पूरे देश में डेंगू और चिकुनगुनिया के हज़ारों मामले सामने आ चुके हैं। राजधानी दिल्ली में भी डेंगू, चिकुनगुनिया और मलेरिया के मामलों में तेज़ी से बढोतरी हुई है।
पूरे देश के लिए जुलाई अगस्त और सितम्बर का महीना डेंगू, चिकुनगुनिया और मलेरिया के हिसाब से परेशानी भरा साबित हुआ। स्वास्थ्य मंत्रालय का मानना है कि थोड़ी जल्दी और रुक-रुक कर हो रही बारिश की वजह से ज़्यादा मामले सामने आए हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि लोग सावधानी बरतें और अपने घर के आस-पास पानी जमा न होने दें और सतर्क रहें, तो डेंगू और चिकुनगुनिया से बचा जा सकता है। डेंगू, चिकुनगुनिया के मच्छर साफ़ पानी में पनपते हैं, ये मच्छर दिन में काटते हैं, सुबह और शाम के वक़्त इन मच्छरों के काटने ख़तरा ज़्यादा होता है। जाहिर है आप अपने घर के आस-पास पानी जमा ना होने दें और कूलर, प्लास्टिक के कप, डिब्बों में पानी इकट्ठा न होने दें। क्योंकि मच्छर का लार्वा इन्हीं जगहों पर पनपता है।
बरसात के मौसम में होने वाले लगातार बदलावों के कारण लोगों का सर्दी- जुकाम जैसी समस्याओं से भी गुजरना पड़ता है, ऐसे में जरुरी है कि आप अपने आस-पास सफाई के साथ-साथ अपने सेहत का विशेष ध्यान रखना बेहद जरुरी है।
बारिश का मौसम दिखने में जितना सुहाना लगता है उससे कही ज्यादा वह हमारे सेहत के लिए नुकसानदेह भी है। इस मौसम में होने वाली थोड़ी सी असावधानी व्यक्ति को बीमार कर सकती है।
ऐसे समय में नवजात बच्चों का खास ख़याल रखने की जरूरत होती है, क्योकि बच्चों के शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता ज्यादा उम्र के व्यक्ति की तुलना में काफी कमजोर होती है। इसलिए जरुरी है कि इस बदलते मौसम में अपना, अपने बच्चों का और अपने आसपास का खास ख्याल रखना बेहद जरुरी है।
बरसात के मौसम में जहां एक ओर हरियाली मन को मोह लेती है वही दूसरी ओर इस मौसम में होने वाली बीमारियां भी लोगों को सबसे ज्यादा परेशान करती है। इस मौसम में वायरल फीवर और पेट की समस्याओं के साथ साथ मलेरिया, टायफायड और हैपेटाइटिस जैसी बीमारियों का भी खतरा रहता है।
इसके लिए आपको ज्यादा कुछ नहीं करना है बस थोड़ी सी सावधानी बरत कर बरसाती बीमारियों से बचा जा सकता है। ऐसे में क्या सावधानी बरतें इस बात को जानना सबसे ज्यादा आवश्यक है, ऐसे में गले में खराश या शरीर में दर्द हो तो तुरंत डाक्टर से मिले। अधिक ठंडी चीजें और तेज एसी, कूलर की हवा से बचे या कम से कम इस चीजों का प्रयोग में लाये साथ ही बाहर के दूषित पानी को पीने से परहेज करें।
बरसात के मौसम में पेट की कई बीमारियों का खतरा
बरसात के मौसम में पेट की कई बीमारियों का खतरा रहता है उन्ही में से एक है गैस्ट्रोएंट्राइटिस यानि जठरांत्रशोथ, इसके जरुरी है कि बरसात के मौसम में विशेष प्रकार की सावधानी बरतें
बरसात के मौसम में त्वचा रोग, डेंगू-मलेरिया जैसी बीमारियों की अधिक सम्भावना होती है वहीं पेट की बीमारियों के मामले भी सामने आते हैं। बरसात में कई बीमारियों का खतरा होता हैं ऐसे में गैस्ट्रोएंट्राइटिस के मामले बढ़ जाते हैं साथ ही बरसात में भोजन व पानी के दूषित हो जाने की सबसे अधिक समस्याएँ सामने आती है।
ऐसे में जरुरी है कि आप अपने आस-पास और अपने खान-पान में पूरी तरह से सफाई बरतें, खाना बनाते समय सफाई रखें, बाज़ार का खाना न खाएं, खाना बनाने वाले बर्तन साफ़ हों, पानी उबालकर पिएं, खाना पकाने, परोसने और खाने से पहले अच्छी तरह हाथ धोएं , पानी पीने के बर्तन में उंगलियां न डालें बासी खाना न खाएं इसके अलावा शरीर में पानी की कमी न होने दें, अपने बचाव के लिए पहले से ही समय समय पर जीवन रक्षक घोल पीते रहे और स्थिति बिगड़े तो तुरंत विशेषज्ञ को दिखाएं।