अरुण श्रीवास्तव

दीवाली के समय मिलने वाले उपहार आयकर के दायरे में आते हैं, लेकिन केवल तब जब उनकी कीमत ₹50,000 से अधिक हो। यदि आपको इस दीवाली ₹50,000 से ज्यादा मूल्य के उपहार मिले हैं, तो आपको टैक्स देना पड़ सकता है। इन उपहारों में नकद, सोना और शेयर शामिल हैं। हालांकि, आयकर अधिनियम के अनुसार रिश्तेदारों द्वारा दिए गए उपहारों पर छूट मिलती है।क्या इस दीपोत्सव पर आपको महंगा उपहार मिला? यह एक घड़ी, पेंटिंग, गहना या ब्रांडेड जूते हो सकते हैं।

जबकि सामान्यतः उपहार कर-मुक्त होते हैं, ₹50,000 से अधिक के उपहार पर प्राप्तकर्ता को आयकर देना होगा।अधिकतर लोग नहीं जानते कि दीवाली या अन्य अवसरों पर मिले उपहारों पर आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 56(2)(vii) के तहत ‘अन्य स्रोतों से आय’ की सामान्य कर दरें लगती हैं। लखनऊ की चार्टर्ड एकाउंटेंट श्रीया बताती हैं कि रिश्तेदारों से मिले उपहार या विवाह के अवसर पर प्राप्त उपहार कर योग्य नहीं माने जाते।अगर तोहफा नकद नहीं, बल्कि वस्तु रूप में दिया गया है, तो प्राप्तकर्ता को उसकी कीमत का आकलन कर आयकर विभाग को बताना होगा। यदि वस्तु की कीमत ₹50,000 से अधिक है, तो कर देना होगा। विशेष यह है कि रिश्तेदारों द्वारा दिए गए उपहारों पर कोई कर नहीं लगता।