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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि सी-295 परिवहन विमान के वायु सेना में शामिल होने से उसकी मीडियम-लिफ्ट सामरिक क्षमता बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि आने वाले वर्षों में भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए रक्षा और एयरोस्पेस क्षेत्र दो महत्वपूर्ण स्तंभ हैं। श्री सिंह ने आज उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के हिंडन में वायु सेना के एयरबेस पर औपचारिक रूप से पहले सी-295 एम.डब्‍लू परिवहन विमान को वायु सेना में शामिल किया। उन्होंने कहा कि यह मीडियम-लिफ्ट सामरिक विमान बिना तैयार लैंडिंग ग्राउंड से उड़ान भरने और उतरने में सक्षम है। यह एचएस-748 ए.वी.आर.ओ. विमान की जगह लेगा। समारोह में एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।

वायु सेना ने ए.वी.आर.ओ. बेड़े को बदलने के लिए 56 एयरबस सी-295 विमानों के अधिग्रहण को मंजूरी दी है। वायु सेना को इस महीने की 13 तारीख को स्पेन के सेविले में पहला विमान प्राप्त हुआ था। इस विमान का उपयोग 71 सैनिकों या 50 पैराट्रूपर्स और रसद को उन स्थानों पर पहुंचाने के लिए किया जाता है, जहाँ भारी विमान नहीं पहुंच सकते।

इससे पहले रक्षा मंत्री ने दो दिन के भारत ड्रोन शक्ति – 2023 समारोह का उद्घाटन किया। इस आयोजन में 75 से अधिक ड्रोन स्टार्ट-अप और कंपनियां भाग ले रही हैं। इसमें केंद्र सरकार, राज्य विभागों, सार्वजनिक और निजी उद्योगों, सशस्त्र बलों, अर्धसैनिक बलों और मित्र देशों के प्रतिनिधियों सहित लगभग पांच हजार प्रतिभागियों के शामिल होने की उम्मीद है। भारत ड्रोन शक्ति 2030 तक वैश्विक ड्रोन हब बनने की भारत की प्रतिबद्धता को बढ़ावा देगा।