AMN / NEW DELHI
सर्वोच्च न्यायालय ने ऐतिहासिक निर्णय में संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने का केंद्र सरकार का फैसला बरकरार रखा है। इस अनुच्छेद के तहत पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य को विशेष दर्जा दिया गया था। केंद्र ने 2019 में अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया था और राज्य को दो भागों में विभाजित करके केंद्र शासित प्रदेश — लद्दाख और जम्मू-कश्मीर बना दिये थे।
मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड की अध्यक्षता में पांच जजों की संविधान पीठ ने केंद्र के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं की सुनवाई के बाद यह फैसला सुनाया। सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि अनुच्छेद 370 अस्थाई प्रावधान था और राष्ट्रपति को उसे निरस्त करने का अधिाकर है। न्यायालय ने अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर से लद्दाख को अलग करने और केंद्र शासित प्रदेश बनाने के फैसले को बरकरार रखा। न्यायालय ने कहा कि जम्मू-कश्मीर की अन्य राज्यों से अलग कोई आंतरिक संप्रभुता नहीं है और भारतीय संविधान के सभी प्रावधान जम्मू-कश्मीर पर लागू होते हैं।
संविधान पीठ के अन्य चार जजों में न्यायमूर्ति संजय किशन कौल, संजीव खन्ना, बी आर गवई और सूर्य कांत शामिल थे। न्यायाधीशों ने तीन अलग-अलग निर्णय सुनाए लेकिन अंतिम निर्णय एकमत से दिया। सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि जल्द से जल्द जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल किया जाना चाहिए। पीठ ने निर्वाचन आयोग को सितंबर 2024 तक चुनाव कराने का भी निर्देश दिया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अनुच्छेद 370 निरस्त करने के संबंध में सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को ऐतिहासिक बताया है
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अनुच्छेद 370 निरस्त करने के संबंध में सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को ऐतिहासिक बताया है। अदालत ने 5 अगस्त 2019 को संसद के निर्णय को संवैधानिक रूप से उचित ठहराया है। सोशल मीडिया पोस्ट में श्री मोदी ने कहा कि इससे जम्मू-कश्मीर और लद्दाख की जनता के लिए आशा, प्रगति और एकता की घोषणा को पुनः बल मिला है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अदालत ने पूरी सूझ-बूझ से एकता की उस भावना को मजबूत किया है, जो भारत की जनता को पूरी तरह एक- दूसरे से जोड़े और संजोए हुए है।
प्रधानमंत्री ने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लोगों को आश्वासन दिया कि उनके सपने साकार करने की सरकार की प्रतिबद्धता अटूट है। उन्होंने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि न सिर्फ प्रगति लोगों तक पहुँचे, बल्कि अनुच्छेद 370 के कारण पीड़ित सर्वाधिक वंचित और समाज के सीमांत-वर्ग को इस फैसले के लाभ भी मिलें।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज का यह निर्णय न केवल कानूनी है, बल्कि आशा की मशाल भी है। यह उज्ज्वल भविष्य का वायदा है और ज्यादा मजबूत तथा ज्यादा एकजुट भारत के निर्माण के लिए सामूहिक प्रण का साक्ष्य है।