जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव के बीच भारत ने बुधवार को एक बड़ा कदम उठाते हुए नोटिस टू एयर मिशन (नोटम) जारी किया है।
एयरस्पेस तत्काल प्रभाव से बंद
इस नोटिस टू एयर मिशन के तहत भारत ने पाकिस्तान-पंजीकृत, पाकिस्तान द्वारा संचालित अथवा पाकिस्तान से लीज पर लिए गए सभी नागरिक और सैन्य विमानों के लिए भारतीय वायु क्षेत्र (एयरस्पेस) को तत्काल प्रभाव से बंद करने की घोषणा की है।
किसी भी पाकिस्तानी विमान को भारतीय हवाई क्षेत्र में प्रवेश की इजाजत नहीं
30 अप्रैल से 23 मई 2025 तक किसी भी पाकिस्तानी विमान को भारतीय हवाई क्षेत्र में प्रवेश की इजाजत नहीं होगी। सरकार की ओर से स्पष्ट किया गया है कि यह प्रतिबंध आगे की समीक्षा तक प्रभावी रहेगा और परिस्थितियों के अनुसार इसमें बदलाव किया जा सकता है।
अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन एजेंसियों और हवाई अड्डों को भी दे दी गई जानकारी
नागरिक उड्डयन मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी ने स्पष्ट किया है कि यह निर्णय सुरक्षा और संप्रभुता से जुड़े हितों को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए लिया गया है। इस निर्णय की जानकारी संबंधित अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन एजेंसियों और हवाई अड्डों को भी दे दी गई है।
भारत की तरफ से एक कड़ा संदेश
भारत के इस फैसले का सीधा असर पाकिस्तान की वाणिज्यिक और सैन्य उड़ानों पर पड़ेगा। इस फैसले को भारत की तरफ से एक कड़ा संदेश माना जा रहा है, जिसमें यह स्पष्ट किया गया है कि किसी भी उकसावे की स्थिति में भारत सख्ती से जवाब देगा। पिछले कुछ दिनों से नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर लगातार संघर्ष विराम उल्लंघन और सीमा पार से होने वाली गतिविधियों ने हालात को और भी नाजुक बना दिया है।
पाकिस्तान ने लगातार सातवें दिन किया संघर्ष विराम का उल्लंघन, भारत ने की जवाबी फायरिंग

पाकिस्तानी सेना ने फिर से नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम का उल्लंघन किया है। यह लगातार सातवां दिन है जब पाकिस्तानी सेना द्वारा जम्मू-कश्मीर से लगी नियंत्रण रेखा पर फायरिंग की गई है। भारतीय सेना ने बिना किसी देरी के इस फायरिंग का जवाब दिया है।
पाकिस्तानी सेना बीते शुक्रवार से हर रोज नियंत्रण रेखा पर फायरिंग कर रही है। सेना के अनुसार, 30 अप्रैल और 1 मई की रात, पाकिस्तानी सेना की चौकियों ने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर के कुपवाड़ा, उरी और अखनूर की नियंत्रण रेखा के पार से गोलीबारी की। रोज की ही तरह यह फायरिंग बिना किसी उकसावे के की गई।
पाकिस्तानी सेना ने छोटे हथियारों से यह गोलीबारी की है। भारतीय सेना ने भी इसका उचित जवाब दिया। इससे पहले पाकिस्तानी सेना ने नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम का उल्लंघन करते हुए 29-30 अप्रैल की रात को भी नियंत्रण रेखा के उस पार से भारतीय इलाकों में गोलीबारी की थी।
भारतीय सेना के मुताबिक 29-30 अप्रैल की रात को पाकिस्तानी सेना की चौकियों ने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर के नौशेरा, सुंदरबनी और अखनूर सेक्टरों के सामने नियंत्रण रेखा के पार से फायरिंग की थी। पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद से पाकिस्तानी सेना ने नियंत्रण रेखा पर गोलीबारी शुरू की है। यहां पाकिस्तानी आतंकवादियों ने 26 निर्दोष लोगों की नृशंस हत्या की थी। इनमें से 25 पर्यटक थे।
वहीं, पहलगाम हमले से पहले पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने एक भड़काऊ और भारत विरोधी बयान दिया था। ये बयान सुर्खियों में है और इसे बैसरन घाटी में हुए हमले से जोड़कर देखा जा रहा है।
मुनीर ने इस्लामाबाद में 16 अप्रैल को प्रवासी पाकिस्तानियों के एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए भारत के खिलाफ भड़काऊ बातें कही थीं। इसके दो दिन बाद, 18 अप्रैल को, पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) के खैगला, रावलकोट में लश्कर-ए-तैयबा के एक नेता ने भारत विरोधी जहरीला भाषण दिया, जिसमें भारतीय सेना द्वारा मारे गए दो आतंकवादियों का बदला लेने की धमकी दी गई। इस बयानबाजी के बाद ही लश्कर के ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (टीआरएफ) का नाम चर्चा में आया।
रक्षा विशेषज्ञों के मुताबिक टीआरएफ, लश्कर-ए-तैयबा का ही एक दूसरा नाम है, जो पाकिस्तान की सैन्य-खुफिया एजेंसी आईएसआई के संरक्षण में काम करता है। यह हमला कोई अकेली घटना नहीं थी, बल्कि एक सोची-समझी साजिश थी ताकि भारत में डर और अस्थिरता फैलाई जा सके। 6/03/25 | 2:53 pm