शिवधाम शमशान व बडा कब्रिस्तान की दिवारे भी एक दूसरे की लगती हुई है।

अशफाक कायमखानी / सीकर
कोराना महामारी के भंयकर प्रकोप के चलते शमशान घाट व कब्रिस्तान मे मय्यतो की तादाद अचानक बढने के कारण लकड़ी व कब्र पर लगने वाले पत्थरों का उपयोग अचानक बढने से उनकी कमी को देखते हुये अनेक लोग मददगार बनकर आगे आ रहे है। इसी सीलसीले मे सीकर शहर स्थित बड़ा कब्रिस्तान कमेटी के अध्यक्ष व पूर्व पार्षद सजाऊद्दीन चोहान पप्पू पहलवान ने शिवधाम शमशान मे 50 टन लकड़ी अपने निजी पैसो से खरीद कर दान करके सीकर की गंगा जमनी तहजीब की परम्परा को दोहराया है। इस पूण्य के काम के लिये शमशान कमेटी के अध्यक्ष कैलाश तिवाड़ी ने पूर्व पार्षद सजाऊद्दीन पप्पू पहलवान की सहरायना करते हुये उनका आभार जताया है।


कोराना के प्रकोप के कारण गावं-शहर सभी जगह के कब्रिस्तान व शमशान घाटो मे मय्यतो के आने की तादाद मे इजाफा होने से शमशान घाट मे लकड़ी व कब्रिस्तानो मे पत्थर व ईंट की खपत बढने के साथ साथ कब्र खोदने वालो की तादाद कमेटी द्वारा बढाने के साथ साथ उन्हें पहले के मुकाबले काफी महनत करनी पड़ रही है।

कुल मिलाकर यह है कि मय्यतो की बढती तादाद के चलते अभी तक तो आवश्यक वस्तुओं का इंतजाम जैसे तैसे हो रहा है। अगर यह सीलसीला धीमा नही पड़ा तो शमशान व कब्रिस्तान की आवश्यक वस्तुओं की लोकडाऊन के कारण कमी आ सकती है।