BIZ DESK

भारतीय शेयर बाज़ार ने गुरुवार को एक बार फिर मजबूती दिखाई और सकारात्मक वैश्विक संकेतों के बीच सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ने इंट्रा-डे ट्रेड में अब तक के सबसे ऊंचे स्तर छू लिए। हालांकि दिन के अंत में दोनों सूचकांक हल्की बढ़त के साथ बंद हुए, लेकिन लगातार दूसरे दिन बाजार में तेजी का रुख बरकरार रहा।

बीएसई सेंसेक्स 110.87 अंकों (0.13%) की बढ़त के साथ 85,720.38 पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान यह उछलकर 86,055.86 के नए सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया, जो 27 सितंबर 2024 को बने पिछले रिकॉर्ड 85,978.25 को पीछे छोड़ता है।

एनएसई निफ्टी 50 10.25 अंक (0.04%) बढ़कर 26,215.55 पर बंद हुआ। इंट्रा-डे में यह सूचकांक 26,310.45 के नए रिकॉर्ड स्तर तक पहुंचा, जो इसके पिछले उच्च 26,277.35 (27 सितंबर 2024) से ऊपर था।

बाजार की मजबूती के पीछे वैश्विक स्तर पर नरम होती अमेरिकी ट्रेजरी यील्ड्स, फेड द्वारा जल्द ब्याज दरों में कटौती की बढ़ती उम्मीदें और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FII) की वापसी प्रमुख कारण रहे। साथ ही भारत के मजबूत मैक्रो संकेतक—जैसे घटती महंगाई, बेहतर कॉर्पोरेट नतीजे और स्थिर घरेलू मांग—ने निवेशकों का भरोसा बढ़ाया।


क्षेत्रवार प्रदर्शन (Sector-wise Performance)

वित्तीय क्षेत्र (Financials) — बाजार के प्रमुख दावेदार

बैंकिंग और NBFC शेयरों ने तेजी को सबसे मजबूती दी। बजाज फाइनेंस, ICICI बैंक, बजाज फिनसर्व और HDFC बैंक में मजबूत खरीदारी देखने को मिली। वैश्विक ब्याज दरों में संभावित कमी से उधारी लागत घटने और क्रेडिट ग्रोथ बढ़ने की उम्मीदें इस क्षेत्र को सहारा दे रही हैं।

सूचना प्रौद्योगिकी (IT Sector)

HCL टेक जैसे दिग्गज आईटी शेयरों में बढ़त दर्ज की गई। अमेरिकी अर्थव्यवस्था में संभावित राहत और बेहतर कॉरपोरेट टेक बजट की उम्मीदों ने आईटी शेयरों को समर्थन दिया।

उपभोक्ता उत्पाद (FMCG Sector)

हिंदुस्तान यूनिलीवर मजबूत बढ़त में रहा। ग्रामीण मांग में सुधार और कच्चे माल की स्थिर लागतों से FMCG सेक्टर में भावना बेहतर बनी हुई है।

ऑटो और उद्योग (Auto & Industrials) — दबाव में

मारुति सुजुकी और अल्ट्राटेक सीमेंट में गिरावट देखने को मिली। ऊंचे स्तरों पर मुनाफावसूली और कुछ कमोडिटी कीमतों में बढ़ोतरी ने इन शेयरों पर दबाव बनाया।

सार्वजनिक क्षेत्र बैंक (PSU Banks)

जहां निजी बैंक मजबूती में थे, वहीं स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) में हल्की गिरावट दर्ज की गई, जो मुख्यतः ऊंचे वैल्यूएशन पर मुनाफावसूली का संकेत देती है।


कुल मिलाकर, घरेलू और वैश्विक सकारात्मक संकेतों ने भारतीय बाजारों को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है। विश्लेषकों के मुताबिक, अगर वैश्विक ब्याज दरों में नरमी और विदेशी निवेश का प्रवाह जारी रहा, तो भारतीय बाजारों में यह तेजी आने वाले सत्रों में भी कायम रह सकती है।