शनिवार को सीकर बंद करने का आव्हान
।अशफाक कायमखानी।सीकर।
पिछली कांग्रेस सरकार के समय राजस्थान मे नये जिले व सम्भाग बनाये गये थे। जिनमे शेखावाटी मे नया नीमकाथाना जिला व सीकर-चूरु-झूंझुनू व नीमकाथाना जिलो को मिलाकर शेखावाटी सम्भाग बनाया गया था। जिसका मुख्यालय सीकर रखा गया ।
प्रदेश मे भाजपा सरकार गठन के एक साल बाद सम्भाग व जिला निरस्त करने के खिलाफ राज्य के अन्य हिस्सों की तरह शेखावाटी जनपद मे भी उक्त फैसले के खिलाफ जनता मे भारी आक्रोश व्याप्त होने को देखते हुये इण्डिया गठबंधन के घटको की आज सीकर मे आयोजित मीटिंग मे सरकार के खिलाफ बडा आंदोलन खड़ा करके सरकार को झुकाने का संकल्प लिया।
आजादी के पहले अंग्रेज हकुमत के खिलाफ लगान सहित विभिन्न मुद्दों को लेकर शेखावाटी के किसानों ने बडे बडे आंदोलन करके हकुमत को घुटनों के बल लाने मे कामयाबी पाई तो आजादी के बाद बिजली-पानी सहित विभिन्न मुद्दों को लेकर किसानों -मजदूरों व पीडित लोगो ने खासतौर पर वामपंथी नेताओं की अगुवाई मे सफल आंदोलन चलाकर सरकार को झुकाने मे भी इस क्षेत्र के लोगो ने सरकारों का झुका कर अपनी घोषणाओं को पलटने पर मजबूर किया है। वामपंथी नेता व सीकर सांसद कामरेड अमरा राम को प्रदेश मे समय समय पर अनेक बडे – लम्बे आंदोलन चलाकर सरकारों को झुकाने का अनुभव प्राप्त हैःअब होने वाले आंदोलन मे भी सांसद कामरेड अमरा राम की रणनीति व साहस की महत्वपूर्ण भूमिका मानी जा रही है। उनके साथ उनके अलावा शेखावाटी जनपद के दो अन्य सांसद राहुल कस्वां व विजेंद्र ओला के अलावा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष व लक्ष्मनगढ विधायक गोविंद सिंह डोटासरा व माकपा राज्य सचिव किशन पारीक के अलावा बार संघ के अध्यक्ष भागीरथ जाखड़ का विशेष रुप से सहयोग मिलने से ओर अधिक अच्छे से आंदोलन की रणनीति बनती नजर आयेगी। हालांकि आज की मीटिंग मे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष व शेखावाटी के लक्ष्मनगढ विधानसभा क्षेत्र के विधायक ने भाजपा सरकार के खिलाफ तीखे भाण चलाते हुये आंदोलन चलाने के लिये सीकर सांसद कामरेड अमरा राम चूरु सांसद राहुल कस्वां व झूंझुनू सांसद विजेंद्र ओला व बार अध्यक्ष एडवोकेट भागीरथ जाखड़ का नाम लेते हुये संघर्ष समिति मे अन्य लोगो को शामिल करते हुये एक संघर्ष समिति बनाकर आंदोलन करके सरकार को झुकाने का प्रस्ताव दिया। दुसरी तरफ सफल आंदोलनकारी व रणनीतिकार सांसद कामरेड अमरा राम ने एक साथ होकर मजबूत आंदोलन छेड़ने की तरफ इशारा किया। वही चूरु सांसद राहुल कस्वां ने आंदोलन मे पूरी ताकत के साथ लड़ने मे पूरा सहयोग देने का कहा। उक्त नेताओं के अलावा शेखावाटी जनपद के वर्तमान व पूर्व विधायकों के अलावा प्रधान-पूर्व सभापति व अन्य जनप्रतिनिधि के अलावा वकील भी भारी भीड़ के साथ मोजूद थे।
कुल मिलाकर यह है कि राज्य के अधिकांश आंदोलनों की शूरुआत शेखावाटी की धरती से होकर फिर वो राज्य भर का आंदोलन बन जाता है। आजादी के पहले अंग्रेज हकुमत व फिर आजादी के बाद राज्य व केन्द्र सरकारों के खिलाफ हुये आंदोलनो मे शेखावाटी के लोगो की विशेष भूमिका रहती रही हैः हाल ही मे हुये लोकसभा चुनाव मे शेखावाटी की तीनो सीटो से इण्डिया गठबंधन के उम्मीदरवार विजयी रहे थे। जिसके चलते भाजपा को इस क्षेत्र मे मुहं की खानी पड़ीं थी। सीकर सांसद कामरेड अमरा राम को छात्र आंदोलनों से लेकर समय समय पर सरकार के खिलाफ बडे बडे आंदोलन चलाने का लम्बा अनुभव है।