Special Correspondent / New Delhi
नई दिल्ली:
विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने भारतीय लोकतंत्र को लेकर एक गंभीर चिंता जताते हुए भारत निर्वाचन आयोग (ECI) पर बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने दावा किया है कि पिछले लोकसभा चुनावों के दौरान ECI ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) की “सक्रिय रूप से मदद” की, जिससे चुनाव की निष्पक्षता पर प्रश्नचिह्न खड़े हो गए हैं।
राहुल गांधी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस द्वारा कराई गई एक विस्तृत जांच रिपोर्ट के हवाले से कहा कि ‘वोट चोरी’ के पांच प्रमुख तरीके अपनाए गए, जिससे चुनावी नतीजों को कथित रूप से प्रभावित किया गया।
उन्होंने बताया कि कांग्रेस ने विशेष रूप से बेंगलुरु सेंट्रल लोकसभा सीट, खासकर महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र में जांच की, जहाँ उन्हें बड़ी संख्या में अनियमितताएं देखने को मिलीं।
🔍 जांच में सामने आईं प्रमुख गड़बड़ियां:
- फर्जी मतदाता सूची में नाम
- अमान्य पते या गलत जानकारी
- एक ही व्यक्ति के नाम से डुप्लीकेट प्रविष्टियाँ
- एक ही पते पर दर्जनों मतदाताओं का पंजीकरण
- तस्वीरों में गड़बड़ी और पहचान में मुश्किल
- मतदाता पंजीकरण के लिए उपयोग होने वाले फॉर्म 6 का दुरुपयोग
राहुल गांधी ने यह भी दावा किया कि भाजपा ने 25 लोकसभा सीटों पर 33,000 से कम मतों के अंतर से जीत दर्ज की, और यह संभवतः इन्हीं अनियमितताओं के कारण हुआ।
🗳️ महाराष्ट्र और हरियाणा में भी यही ‘पैटर्न’
गांधी ने आगे कहा कि यह केवल एक क्षेत्र की बात नहीं है। महाराष्ट्र और हरियाणा के विधानसभा चुनावों में भी इसी तरह की वोटिंग धांधलियों के प्रमाण मिले हैं, जिससे यह एक व्यापक रणनीति का हिस्सा प्रतीत होता है।
🧾 ECI पर गंभीर आरोप
राहुल गांधी ने निर्वाचन आयोग पर सीधा हमला करते हुए कहा कि ECI को लोकतंत्र की रक्षा करनी थी, लेकिन वह खुद लोकतंत्र को कमजोर करने का जरिया बन गया है। उन्होंने आयोग की निष्पक्षता और पारदर्शिता पर सवाल उठाते हुए इसे एक संस्थागत विफलता करार दिया।
💻 डिजिटल वोटर लिस्ट सार्वजनिक करने की मांग
राहुल गांधी ने सरकार और निर्वाचन आयोग से डिजिटल मतदाता सूची सार्वजनिक करने की मांग की, ताकि पारदर्शिता बढ़े और नागरिक स्वयं भी अनियमितताओं को पहचान सकें।

