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इंद्र वशिष्ठ, / नई दिल्ली

सीबीआई ने 183 करोड़ रुपए के फर्जी बैंक गारंटी घोटाले में पंजाब नेशनल बैंक के सीनियर मैनेजर गोविंद चंद्र हांसदा और मोहम्मद फिरोज खान को गिरफ्तार किया है। 

सीबीआई के अनुसार मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के निर्देशों के बाद सीबीआई  ने 9 मई 2025 को तीन अलग-अलग मामले दर्ज किए। ये मामले इंदौर स्थित प्राइवेट कंपनी मैसर्स तीर्थ गोपीकॉन लिमिटेड द्वारा मध्य प्रदेश जल निगम लिमिटेड (एमपीजेएनएल) को 183.21 करोड़ रुपए की फर्जी बैंक गारंटी जमा करने से संबंधित एक बड़ी वित्तीय धोखाधड़ी से जुड़े हैं।

इस कंपनी ने एमपीजेएनएल से 2023 में मध्य प्रदेश में 974 करोड़ रुपए की सिंचाई की 3 परियोजनाएं (ठेके) हासिल की। इन अनुबंधों का समर्थन करने के लिए 183.21 करोड़ रुपए की आठ फर्जी बैंक गारंटी जमा की गई।

प्रारंभिक सत्यापन के दौरान, एमपीजेएनएल को पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के आधिकारिक डोमेन का प्रतिरूपण करते हुए धोखाधड़ी वाली ईमेल प्रतिक्रियाएं मिलीं, जिनमें बैंक गारंटी की प्रामाणिकता की झूठी पुष्टि की गई थी। इन पुष्टियों पर भरोसा करते हुए, एमपीजेएनएल ने फर्म को तीन अनुबंध दिए, जिनकी कीमत 974 करोड़ रुपए से अधिक थी। 

इस मामले में, सीबीआई ने दिनांक 19 और 20 जून 2025 को बड़े पैमाने पर अभियान चलाया, जिसमें पांच राज्यों यानी नई दिल्ली, पश्चिम बंगाल, गुजरात, झारखंड और मध्य प्रदेश के  23 स्थानों पर तलाशी ली गई, जिसके परिणामस्वरूप कोलकाता से पंजाब नेशनल बैंक के वरिष्ठ प्रबंधक गोविंद चंद्र हांसदा और मोहम्मद फिरोज खान

को गिरफ्तार किया गया।

सीबीआई को अब तक की जांच से पता चला है कि कोलकाता स्थित एक सिंडिकेट कई राज्यों में सरकारी ठेके हासिल करने के लिए व्यवस्थित रूप से फर्जी बैंक गारंटियां तैयार कर उन्हें प्रसारित कर रहा है।

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