Last Updated on December 28, 2025 10:58 pm by INDIAN AWAAZ

ज़ाकिर हुसैन / ढाका से
छात्र आंदोलन से उभरी नेशनल सिटिजन पार्टी (एनसीपी) औपचारिक रूप से जमात-ए-इस्लामी के नेतृत्व वाले चुनावी गठबंधन में शामिल हो गई है। इसके साथ ही बांग्लादेश के 13वें आम चुनाव से पहले यह गठबंधन 10 दलों तक विस्तारित हो गया है। इस फैसले ने राजनीतिक हलकों में नई बहस छेड़ दी है और एनसीपी के भीतर असंतोष को भी उजागर किया है।
जमात-ए-इस्लामी के अमीर शफीकुर रहमान ने रविवार को ढाका के जातीय प्रेस क्लब में आयोजित एक आपात प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस गठबंधन की घोषणा की। उन्होंने कहा कि गठबंधन के साझेदारों के बीच सीट बंटवारे की व्यवस्था बातचीत के जरिए “काफी हद तक अंतिम रूप ले चुकी है।” इस गठबंधन में कर्नल (सेवानिवृत्त) ओली अहमद के नेतृत्व वाली लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (एलडीपी) भी शामिल हो गई है।
इस कदम को समय की मांग बताते हुए शफीकुर रहमान ने कहा कि यह गठबंधन देश के “राष्ट्रीय जीवन के एक नाजुक दौर” में बनाया गया है। उन्होंने कहा, “सीट बंटवारे का समझौता लगभग तय हो चुका है और शेष नामांकन जल्द ही दाखिल किए जाएंगे।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि हालांकि कई अन्य दलों ने गठबंधन में शामिल होने में रुचि दिखाई है, लेकिन इस स्तर पर इसका और विस्तार संभव नहीं है।
इस फैसले ने एनसीपी के भीतर गहरे मतभेदों को उजागर कर दिया है। जुलाई में हुए छात्र-नेतृत्व वाले आंदोलन से उभरी इस पार्टी ने पहले सभी 300 संसदीय सीटों पर स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ने का संकल्प लिया था। रविवार को कम से कम 30 एनसीपी नेताओं ने पार्टी संयोजक नाहिद इस्लाम को विरोध पत्र सौंपते हुए जमात के साथ किसी भी गठबंधन का विरोध किया। इसके कुछ ही घंटों बाद, 80 से अधिक नेताओं ने एक जवाबी पत्र भेजकर नेतृत्व के किसी भी चुनावी फैसले का समर्थन जताया।
गठबंधन की घोषणा से पहले एनसीपी के वरिष्ठ नेताओं के इस्तीफे भी सामने आए। वरिष्ठ संयुक्त सदस्य सचिव तस्नीम जारा ने पहले ही पार्टी छोड़ दी थी और स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने की घोषणा की थी। रविवार को संयुक्त संयोजक ताज्नुवा जबीन ने भी जमात के साथ सहयोग को लेकर वैचारिक मतभेदों का हवाला देते हुए पार्टी से इस्तीफा दे दिया और चुनाव से हटने का फैसला किया।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में जमात-ए-इस्लामी, एलडीपी, बांग्लादेश खेलाफत मजलिस और इस्लामी आंदोलन बांग्लादेश के नेता मौजूद थे। एनसीपी और एलडीपी के शामिल होने के बाद, जमात-नेतृत्व वाला यह गठबंधन अब कुल 10 राजनीतिक दलों का हो गया है, जो आगामी राष्ट्रीय चुनाव में मैदान में उतरेंगे।
