Last Updated on: 1 November 2024 8:15 PM

सुधीर कुमार  / Sudhir Kumar

गृह मंत्रालय ने लोगों को पुलिस, केंद्रीय जांच ब्यूरो, नारकोटिक्स विभाग, भारतीय रिजर्व बैंक, प्रवर्तन निदेशालय और अन्य कानून प्रवर्तन एजेंसियों के अधिकारी बनकर धोखाधड़ी करने वालों से सावधान रहने की सलाह दी है। मंत्रालय के अनुसार राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल पर सरकारी अधिकारियों के छद्म रूप में साइबर अपराधियों द्वारा धमकी, ब्लैकमेल, जबरन वसूली और डिजिटल अरेस्‍ट की शिकायतें बड़ी संख्या में सामने आ रही हैं।

कुछ मामलों में, पीड़ितों को तब तक डिजिटल अरेस्‍ट से गुजरना पड़ता है, जब तक कि धोखेबाजों की मांग पूरी नहीं हो जाती। इस दौरान धोखेबाज व्‍यक्ति स्काइप या अन्य वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग प्लेटफॉर्म के माध्‍यम से पीडितों पर निगाह रखे रहते हैं। धोखाधडी के लिए ये लोग आम तौर पर पुलिस स्टेशनों और सरकारी कार्यालयों की तर्ज पर बने स्टूडियो का उपयोग करते हैं और पुलिस की वर्दी में रहते हैं।

मंत्रालय ने कहा है कि कई पीड़ितों ने ऐसे अपराधियों के कारण बड़ी मात्रा में धन खो दिया है। इसमें कहा गया, यह एक संगठित ऑनलाइन आर्थिक अपराध है और पता चला है कि इसे सीमा पार अपराध सिंडिकेट द्वारा संचालित किया जाता है। मंत्रालय ने लोगों को सलाह दी है कि वे ऐसी घटना की सूचना तुरंत साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 या www.cybercrime.gov.in पर दें।