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हाल में चुनाव प्रचार के दौरान गुड़गांव निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत बादशाहपुर में राज बब्बर ने लोगों से बदलाव के लिए मतदान करने और इस बार उन्हें चुनने की अपील की। राज बब्बर ने कहा ‘‘गुरुग्राम में इस बार बदलाव की बारी है।’’

चंडीगढ़

हरियाणा में गुड़गांव लोकसभा क्षेत्र में इस बार मुकाबला ‘स्थानीय बनाम बाहरी’ का है क्योंकि भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर निवर्तमान सांसद राव इंद्रजीत सिंह के खिलाफ इस सीट से कांग्रेस ने अभिनय से राजनीति में आए राज बब्बर को उम्मीदवार बनाया है।

राज बब्बर ने अंबाला से जोड़ा रिश्ता

भाजपा इस सीट पर राज बब्बर को ‘बाहरी’ कह रही है, वहीं कांग्रेस प्रत्याशी इसके जवाब में हरियाणा से अपने पुराने रिश्ते का हवाला देते हुए कहते हैं कि जब देश का विभाजन हुआ था तब उनका परिवार अंबाला आया था। सिंह मतदाताओं के सामने कहते हैं कि वे उसे चुनें जिसे वे ‘आजमा चुके हैं और परख चुके हैं।’ बब्बर (71) कहते हैं, ”मैं बाहरी नहीं हूं।” साथ ही वह बताते हैं कि गुड़गांव और फरीदाबाद में उनके कई रिश्तेदार हैं।

कांग्रेस ने राज बब्बर की उम्मीदवारी की घोषणा 30 अप्रैल को की थी। कांग्रेस नेता और हरियाणा के पूर्व मंत्री अजय सिंह यादव भी इस सीट के प्रबल दावेदार थे।

गुरुग्राम में इस बार बदलाव की बारी है: राज बब्बर 

पिछले सप्ताह गुड़गांव में शीतला माता मंदिर के दर्शन के बाद अपना प्रचार अभियान शुरू करने वाले अभिनेता-राजनेता कहते हैं, ”मैं लोगों के दिलों में अपनी जगह बनाऊंगा।”

भाजपा पर निशाना साधते हुए बब्बर कहते हैं कि हरियाणा के लिए राजस्व का एक बड़ा हिस्सा जुटाने के बावजूद, गुरुग्राम शहर में उचित नागरिक बुनियादी ढांचा नहीं है और मानसून के मौसम में यहां स्थिति खराब हो जाती है।

दूसरी ओर, भाजपा के राव इंद्रजीत सिंह (74) खुद को एक ऐसे नेता के रूप में पेश करते हैं जो स्थानीय हैं और लोगों की जरूरतों तथा आकांक्षाओं को समझते हैं। पांच बार सांसद चुने गए सिंह ने 2009 से वर्तमान लोकसभा तक तीन बार गुड़गांव का प्रतिनिधित्व किया है।

वह सांसद के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान गुरुग्राम में किए गए विकास कार्यों के साथ-साथ अपने स्थानीय जुड़ाव पर जोर दे रहे हैं।

अपने प्रचार अभियान के दौरान सिंह ने लोगों से कहा, ‘‘मैं गुड़गांव वासियों का परखा हुआ हूं। मैंने हमेशा अपने मतदाताओं की आवाज उठाई है। आपने मुझे जो ताकत दी है, मैं उसका इस्तेमाल आपकी आवाज उठाने के लिए करता हूं।’’

वह कहते हैं, ‘‘गुड़गांव और भारत प्रगति कर रहे हैं। हम नरेन्द्र मोदी को फिर से प्रधानमंत्री बनाना चाहते हैं और अपने देश को प्रगति के रास्ते पर ले जाना चाहते हैं।’’

इस सीट से चौथी बार निर्वाचित होने के लिए प्रयासरत, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत राव बीरेंद्र सिंह के बेटे इंद्रजीत सिंह गुरुग्राम में पिछले 10 वर्षों के दौरान किए गए कार्यों का जिक्र करते हुए कहते हैं कि इनमें और तेजी लाई जाएगी।

सिंह कहते हैं कि दो दशक पहले गुड़गांव एक छोटा शहर हुआ करता था, लेकिन आज यह राज्य के राजस्व में 70-75 प्रतिशत का योगदान दे रहा है।

साल 2008 में गुड़गांव संसदीय क्षेत्र के अस्तित्व में आने के बाद 2009 में इस सीट के लिए पहला चुनाव हुआ था। तब से पहली बार इस चुनाव में कांग्रेस ने एक ऐसे व्यक्ति को उम्मीदवार बनाया है, जो यादव समुदाय से नहीं है। दक्षिण हरियाणा यादव बहुल क्षेत्र है।

सिंह प्रमुख अहीर नेता हैं और 2014 में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे। उन्होंने 2009 में कांग्रेस सांसद के रूप में गुड़गांव का प्रतिनिधित्व किया था।

इससे पहले, सिंह महेंद्रगढ़ से दो बार सांसद भी रह चुके हैं जो 2009 के बाद से भिवानी-महेंद्रगढ़ निर्वाचन क्षेत्र है।

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