AMN नई दिल्ली, 1 सितम्बर – दिल्ली सरकार ने सोमवार को बाढ़ का अलर्ट जारी किया है क्योंकि हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से सुबह 29,313 क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर जाने की संभावना है।

अधिकारियों को सख़्त निगरानी रखने और निचले इलाकों व संवेदनशील क्षेत्रों में गश्त बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। आदेश में कहा गया, “पुराने रेलवे पुल (ओआरबी) पर जलस्तर 206.50 मीटर के खतरे के निशान को पार कर सकता है, जिस पर केंद्रीय जल आयोग (CWC) जल्द ही परामर्श जारी कर सकता है। सभी सेक्टर अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्रों में करीबी निगरानी रखने, संवेदनशील स्थानों पर आवश्यक एहतियात बरतने और नदी किनारे रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करने के निर्देश दिए जाते हैं।”

सरकारी आदेश में यह भी कहा गया है कि पुलिस और सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग के कर्मचारी दोनों तटबंधों पर लगातार गश्त करेंगे और संवेदनशील हिस्सों, रेगुलेटरों और पंपों पर चौबीसों घंटे नज़र रखेंगे।

इस बीच, भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने 31 अगस्त से 2 सितम्बर तक दिल्ली में “आम तौर पर बादल छाए रहने के साथ मध्यम वर्षा” का पूर्वानुमान जारी किया है। 3 सितम्बर को “गरज के साथ बारिश” तथा 4 और 5 सितम्बर को “बारिश या गरज-चमक के साथ छींटे” पड़ने की संभावना जताई गई है। इससे यमुना का जलस्तर और बढ़ने की आशंका है।

वहीं, आईएमडी ने कहा है कि अगस्त 2025 भारत में दशकों में सबसे अधिक वर्षा वाला महीना रहा। एक वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस में आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा ने बताया कि “अगस्त में देश में 268.1 मिमी वर्षा हुई, जो 2001 के बाद सातवां सबसे अधिक और 1901 के बाद 45वां सबसे अधिक स्तर है।”

उत्तर-पश्चिम भारत में 265 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो 2001 के बाद सबसे ज्यादा है, जबकि दक्षिण भारत में 250.6 मिमी वर्षा दर्ज हुई, जो 2001 के बाद तीसरा सबसे अधिक स्तर है। महापात्रा ने बताया कि 14 अगस्त के बाद मानसून की तेज़ी से वापसी हुई और चार निम्न दबाव तंत्र बने, जिनके चलते महीने के दूसरे पखवाड़े में 15 दिनों तक “सक्रिय से प्रबल” परिस्थितियाँ बनी रहीं।