Last Updated on November 7, 2025 8:51 pm by INDIAN AWAAZ

डा. प्रदीप कुमार वर्मा

करीब बीस वर्ष पहले बिहार अनेक चुनौतियों से जूझ रहा था। 1990 से 2005 के बीच राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति चिंताजनक बनी रही। उस दौर में अपहरण और अपराध की घटनाएँ बढ़ीं, जिससे आम जनजीवन प्रभावित हुआ। कई स्थानों पर जातीय हिंसा की दुखद घटनाएँ भी हुईं—जैसे लक्ष्मणपुर-बाथे, बथानी टोला और सेनारी—जिन्होंने समाज को गहराई से झकझोरा। नक्सलवाद का प्रसार भी उस समय एक गंभीर समस्या था, और 2005 तक हर वर्ष दो सौ से अधिक घटनाएँ दर्ज की जाती थीं। आज स्थिति में उल्लेखनीय सुधार हुआ है, और नक्सली हिंसा लगभग समाप्तप्राय हो चुकी है।

आम जनता जान बचाने के लिए भागी, व्यापारी और पेशेवर पहले धन, फिर प्राण बचाने को पलायन कर गए। दिल्ली, मुंबई, पंजाब तक बिहारी फैल गए। अर्थव्यवस्था चरमरा गई, निवेश ठप हो गया। भ्रष्टाचार रोज का सिलसिला था—चारा घोटाले से लेकर रेल मंत्रित्वकाल में यूपीए सरकार के दौरान तक जारी रहा। लालू के लिए प्राथमिकता केवल उनकी अपनी परिवार थी, जबकि नरेंद्र मोदी के लिए 140 करोड़ भारतीय परिवार हैं।

इस अंधकारमय दौर से उबरना आसान नहीं था। 2005 में नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए सरकार ने कानून-व्यवस्था सुधारी, लेकिन सच्ची क्रांति 2014 से आई, जब नरेन्द्र मोदी केंद्र में आए और बिहार में डबल इंजन सरकार बनी। पिछले 11 वर्षों (2014-2025) में बिहार ने अभूतपूर्व प्रगति की। नीति आयोग के अनुसार, बहुआयामी गरीबी दर 2015-16 के 51.91% से घटकर 2021 में 33.76% रह गई। 2025-26 के लिए जीडीपी वृद्धि 22% अनुमानित है, जो भारत के सबसे तेज गति वाले राज्यों में शुमार है। बिहार के लाखों लोग गरीबी रेखा से ऊपर उठे। आज बिहार उस पटरी पर है, जहाँ से यह अन्य राज्यों के साथ कंधा मिलाकर उड़ान भरेगा। सड़कें, पुल, रेल, हवाई मार्ग—सब बदल गए।

इंफ्रास्ट्रक्चर में क्रांति हुई। गंगा पर नौ मेगा ब्रिज बन रहे हैं। 2014-2025 में सात पूर्ण हो चुके, कई निर्माणाधीन हैं। भागलपुर-कटिहार के पास नया रेल पुल (2.44 किमी) बन रहा है, जो उत्तर बिहार, पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर को दक्षिण बिहार, झारखंड व ओडिशा से जोड़ेगा। यह पुल पूर्णिया एयरपोर्ट तक पहुँच आसान करेगा, जिससे भागलपुर, कटिहार, पूर्णिया, अररिया व किशनगंज के लाखों निवासियों को लाभ देगा। यात्रा का समय घटेगा, कोयला परिवहन तेज होगा। इसी क्रम में, 21 अगस्त 2025 को पीएम मोदी ने औंटा-सिमरिया गंगा ब्रिज (1870 करोड़ की लागत) का उद्घाटन किया, जो बेगूसराय, सुपौल, मधुबनी जैसे उत्तर बिहार के जिलों को जोड़ता है और 100 किमी डायवर्शन घटाता है। तीन प्रमुख गंगा सड़क परियोजनाएँ (17,000 करोड़ की लागत) भागलपुर-मुंगेर को जोड़ेंगी, ट्रैफिक कम करेंगी। मई 2025 में इरकॉन को नया गंगा ब्रिज (1068 करोड़ लागत) का अनुबंध सौंपा गया है जिसमें बिक्रमशिला और कटराहा के बीच गंगा नदी पर एक नया रेलवे पुल बनाया जाएगा। यह परियोजना क्षेत्र में रेल कनेक्टिविटी को बढ़ाएगी। राष्ट्रीय राजमार्ग 2,616 किमी. बढ़े, पटना-आरा-सासाराम कॉरिडोर (एनएच-119ए) से 48 लाख मानव-दिन रोजगार मिलेगा।

रेलवे में अमृत भारत योजना से सभी स्टेशन आधुनिक हो रहे हैं। बिहार में पटना-हावड़ा, पटना-रांची सहित 14 वंदे भारत ट्रेनें चल रही है। 17 सितंबर 2025 को पीएम ने चार नई ट्रेनें (वंदे भारत व अमृत भारत) फ्लैग ऑफ की, अररिया-गलगलिया रेल लाइन का भी उद्घाटन किया जा चुका है। हवाई कनेक्टिविटी में पूर्णिया एयरपोर्ट का अंतरिम टर्मिनल 15 सितंबर 2025 को उद्घाटित हो चुका है, यात्रियों की क्षमता बढ़ी है। दरभंगा एयरपोर्ट भी कार्यरत हो चुका है, पटना एयरपोर्ट अब मॉडर्न हो चुका है। पटना हवाई अड्डे ने 2014-2024 के दौरान सालाना 3 करोड़ यात्रियों , 83,000 टन माल ढुलाई और 24,026 विमानों की आवाजाही दर्ज की।

मखाना उत्पादन को मोदी सरकार ने औद्योगिक दर्जा दिया। 2022 में मिथिला मखाना को जीआई टैग मिला, 5 लाख किसान लाभान्वित हुए। राष्ट्रीय मखाना बोर्ड से उत्पादन, प्रोसेसिंग व निर्यात बढ़ा है। 475 करोड़ की योजना से आय दोगुना हुई, और मखाना वैश्विक सुपरफूड ब्रांड बना।

कल्याण योजनाओं ने बिहार की मातृ शक्ति को सशक्त किया है। 26 सितंबर 2025 को पीएम मोदी ने मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना लॉन्च की (7,500 करोड़), जिसमें 75 लाख महिलाओं को स्वरोजगार के लिए 10,000 रुपये डीबीटी से दिए गए। इस योजना के अंतर्गत सफलता मिलने पर प्रत्येक महिलाओ को अतिरिक्त 2 लाख अनुदान व प्रशिक्षण दिया जायेगा। 6 अक्टूबर 2025 को तीसरे चरण में 21 लाख महिलाओं को 10,000 हस्तांतरित गए। लखपति दीदी, बीमा सखी, ड्रोन दीदी से 1.21 करोड़ महिलाएँ आत्मनिर्भर बनी। जीविका निधि से आसान ऋण हुई, पंचायतों में महिलाओं को 50% आरक्षण दिया गया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है, “बिहार की महिलाओं के दो भाई—नीतीश व मोदी — हैं।”

पिछले एक माह से मैं बिहार के विभिन्न जिलों में घूम रहा हूँ, बदलाव आँखों से देख रहा हूं। झारखंड का निवासी और पड़ोसी होने से बिहार की प्रगति पर नजर बनी रहती है। साफ सड़कें, चमचमाते स्टेशन, व्यस्त एयरपोर्ट—डबल इंजन की देन है। 15 सितंबर 2025 को पूर्णिया में 40,000 करोड़ की परियोजनाएँ, 30 मई को करकट में 48,520 करोड़—ये सब इसका प्रमाण है। बिहार की जनता इस विकास को जारी रखना चाहती है। मोदी-नीतीश की जोड़ी से राज्य मजबूत बनेगा, वैश्विक पटल पर चमकेगा।

(लेखक राज्यसभा के सांसद और झारखंड भाजपा के महामंत्री हैं।)