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इन 4.96 करोड़ मतदाताओं के बच्चों को भी माता-पिता से संबंधित कोई अन्य दस्तावेज़ देने की आवश्यकता नहीं होगी

Bihar SIR: 2003 Electoral Rolls Uploaded on ECI Website


AMN / NEW DELHI

भारत निर्वाचन आयोग ने बिहार राज्य की वर्ष 2003 की निर्वाचक नामावली, जिसमें 4.96 करोड़ मतदाताओं का विवरण शामिल है, अपनी वेबसाइट https://voters.eci.gov.in पर अपलोड कर दी है।

निर्वाचन आयोग द्वारा 24 जून 2025 को जारी दिशा-निर्देशों के पैरा 5 में यह स्पष्ट किया गया है कि मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO), जिला निर्वाचन अधिकारी (DEO) एवं निर्वाचक नामावली रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (ERO) यह नामावली 01.01.2003 की स्थिति के अनुसार सभी बूथ स्तर अधिकारियों (BLOs) को हार्ड कॉपी में उपलब्ध कराएंगे। यह नामावली ऑनलाइन भी उपलब्ध रहेगी, जिसे कोई भी व्यक्ति डाउनलोड कर सकता है और नामांकन फॉर्म भरते समय दस्तावेज़ी प्रमाण के रूप में उपयोग कर सकता है।

इससे बिहार में चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) अभियान में बड़ी सुविधा मिलेगी, क्योंकि अब राज्य के लगभग 60% मतदाताओं को किसी भी दस्तावेज़ की आवश्यकता नहीं होगी। उन्हें केवल वर्ष 2003 की नामावली में अपने विवरण की पुष्टि करनी होगी और भरा हुआ नामांकन फॉर्म जमा करना होगा। मतदाता और BLO, दोनों ही यह विवरण आसानी से प्राप्त कर सकेंगे।

इसके अतिरिक्त, यदि किसी व्यक्ति का नाम 2003 की बिहार नामावली में नहीं है, तो वह अपने माता-पिता के संबंध में कोई अन्य दस्तावेज़ देने के बजाय केवल नामावली का संबंधित अंश प्रस्तुत कर सकता है। ऐसे मामलों में माता या पिता के लिए किसी अन्य दस्तावेज़ की आवश्यकता नहीं होगी। केवल अपने स्वयं के दस्तावेज़ और भरा हुआ नामांकन फॉर्म देना होगा।

निर्वाचन आयोग ने दोहराया है कि प्रत्येक चुनाव से पहले मतदाता सूची का पुनरीक्षण करना अनिवार्य होता है, जैसा कि जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 की धारा 21(2)(क) और मतदाता पंजीकरण नियम 1960 के नियम 25 में उल्लेखित है। निर्वाचन आयोग पिछले 75 वर्षों से वार्षिक पुनरीक्षण (गहन और संक्षिप्त दोनों) करता आ रहा है।

यह प्रक्रिया आवश्यक है क्योंकि मतदाता सूची एक गतिशील दस्तावेज़ होती है, जो मृत्यु, स्थानांतरण (शिक्षा, रोजगार, विवाह आदि के कारण) और नए मतदाताओं के 18 वर्ष की आयु पूरी करने जैसे कारणों से लगातार परिवर्तित होती रहती है।

इसके साथ ही, भारतीय संविधान के अनुच्छेद 326 के अनुसार, केवल भारतीय नागरिक जो 18 वर्ष या उससे अधिक आयु के हैं और संबंधित निर्वाचन क्षेत्र में सामान्य रूप से निवास करते हैं, उन्हें मतदाता के रूप में पंजीकृत होने की पात्रता प्राप्त है।

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