file US troop leaving afghanistan

काबुल,

अफ़गान अधिकारियों ने अमेरिका द्वारा बगराम एयरबेस को दोबारा अपने कब्ज़े में लेने की किसी भी संभावना को सख़्ती से खारिज कर दिया है। उन्होंने साफ़ कहा है कि अगर कोई विदेशी ताक़त फिर से सैन्य ठिकाना बनाने की कोशिश करती है, तो उसका डटकर विरोध किया जाएगा।

अफ़गान खुफ़िया निदेशालय के पहले उप-प्रमुख मुल्ला ताजमीर जवाद ने रविवार को कहा कि वर्तमान प्रणाली को हर हाल में बचाया जाएगा। उन्होंने दो टूक कहा— “हमारी संप्रभुता पर कोई समझौता नहीं होगा, विदेशी कब्ज़े का दौर अब समाप्त हो चुका है।”

अफ़गान रक्षामंत्री मोहम्मद याक़ूब मुजाहिद ने भी कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि अमेरिका को नए सैन्य अड्डों का सपना छोड़ देना चाहिए। “अगर अमेरिका नहीं निकलता और और ठिकाने चाहता है, तो हम 20 साल और लड़ने के लिए तैयार हैं,” उन्होंने मीडिया से कहा।

काबुल से लगभग 50 किलोमीटर दूर स्थित बगराम एयरबेस अफ़गान युद्ध के दौरान अमेरिका का सबसे बड़ा सैन्य अड्डा था। यह दो दशक लंबे युद्ध में अमेरिका और नाटो अभियानों का केंद्र रहा और जुलाई 2021 में इसे अफ़गान बलों को सौंप दिया गया था। यह अमेरिका की वापसी और तालिबान की सत्ता में वापसी का अहम प्रतीक माना गया।

तालिबान नेतृत्व वाले वर्तमान शासन ने बार-बार कहा है कि अफ़गानिस्तान की ज़मीन पर अब किसी विदेशी सैनिक को ठिकाना बनाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। उनका कहना है कि लंबे संघर्ष में दी गई कुर्बानियों का सम्मान बनाए रखना ज़रूरी है।

विशेषज्ञों के अनुसार, अमेरिका की दिलचस्पी बगराम में इसकी सामरिक स्थिति के कारण है, लेकिन इसे दोबारा हासिल करने की कोशिश से क्षेत्रीय अस्थिरता बढ़ सकती है और पाकिस्तान, ईरान व चीन जैसे पड़ोसी देशों के साथ रिश्ते बिगड़ सकते हैं।

अफ़गान नेतृत्व का संदेश साफ़ है— संप्रभुता से कोई समझौता नहीं होगा और किसी भी विदेशी हस्तक्षेप का डटकर प्रतिरोध किया जाएगा।