मुंबई: कर्नाटक की सिद्दारमैया कैबिनेट ने गुरुवार (15 जून) को दो अहम फैसले लिए हैं। पहला सिलेबस से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के संस्थापक केशव बलिराम हेडगेवार और हिंदुत्व विचारक वीडी सावरकर पर केंद्रित चैप्टरों को हटाने का निर्णय है। वहीं दूसरा धर्मांतरण रोधी कानून को निरस्त करने का फैसला है।

देवेंद्र फडणवीस ने उद्धव ठाकरे से पूछे सवाल

इसे बीजेपी ने एक बड़ा मुद्दा बनाया है। महाराष्ट्र में भी राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है। बीजेपी नेता और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से पूछा कि अब वो क्यों नहीं बोल रहे?

देवेंद्र फडणवीस ने कहा, “आप किसी का नाम किताब से हटा सकते हैं, लेकिन दिल से नहीं हटा सकते। आप ऐसे किसी भी शख्स का नाम नहीं मिटा सकते, जिसने कि देश की स्वतंत्रता में योगदान दिया है, लेकिन उद्धव ठाकरे जो कि कांग्रेस के साथ हैं उनको अब क्या कहना है? क्या वीर सावरकर का यह अपमान आप (उद्धव ठाकरे) मंजूर करेंगे? केवल कुर्सी के लिए समझौता करेंगे?”

बता दें कि राज्य में ठाकरे की शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी का गठबंधन है और वीर सावरकर के मुद्दे पर पहले भी शिवसेना और कांग्रेस में विवाद हो चुका है।

राहुल गांधी का किया जिक्र

महाराष्ट्र बीजेपी के चीफ चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि ये सब राहुल गांधी के कहने से हो रहा है। उन्होंने कहा, “पंजा (कांग्रेस का चुनाव चिह्न) को वोट देने से क्या हो सकता है, ये कर्नाटक में दिख रहा है। राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा के दौरान वीर सावरकर को लेकर गलत टिप्पणी की थी।”

उन्होंने आगे कहा, “अब उन्होंने कर्नाटक सरकार को कहकर वीर सावरकर के इतिहास को खत्म कर दिया। वहां किताबों से हटा दिया। धर्मांतरण कानून को भी खत्म कर दिया। कांग्रेस को वोट देना कितना खराब हो सकता है, ये लोगों को देखना चाहिए।”

कांग्रेस ने क्या कहा?

धर्मांतरण रोधी कानून को निरस्त करने को लेकर कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वरा ने कहा कि पिछली सरकार ने ऐसा काम किया जो कि संविधान के खिलाफ है। हम इसमें बदलाव कर रहे हैं। वहीं कानून और संसदीय कार्य मंत्री एच के पाटिल ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद गुरुवार को कहा था कि कैबिनेट ने धर्मांतरण विरोधी विधेयक पर चर्चा की।

एच के पाटिल ने बताया कि इसे 3 जुलाई से शुरू होने वाले सत्र में पेश किया जाएगा। प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षा मंत्री मधु बंगारप्पा ने कहा कि कांग्रेस ने पाठ्य पुस्तकों में संशोधन करने का वादा किया था। मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने इस संबंध में लगातार मार्गदर्शन किया है।

मामला क्या है?

मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, कर्नाटक कैबिनेट ने कक्षा छह से दस तक की कन्नड़ और सामाजिक विज्ञान की पाठ्यपुस्तकों के संशोधन को मंजूरी दे दी। इसके तहत आरएसएस के संस्थापक केशव बलिराम हेडगेवार और वीडी सावरकर से जुड़े पाठों को हटा दिया गया है।

कर्नाटक कैबिनेट की बैठक में साथ ही यह भी फैसला किया गया कि समाज सुधारक सावित्रीबाई फुले, पूर्व पीएम इंदिरा गांधी को लिखे गए पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के पत्रों और संविधान निर्माता बीआर आंबेडकर पर कविता को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा।