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उच्‍चतम न्‍यायालय ने आज केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि वह राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में प्रदूषण को कम करने के उपायों पर चर्चा के लिए राज्यों और अन्य एजेंसियों की कल आपात बैठक बुलाए। न्‍यायालय ने कहा कि वह बुधवार को इस मामले पर आगे सुनवाई करेगा।
न्यायालय ने यह भी निर्देश दिया कि केंद्र तथा राज्य सरकारों को दिल्ली और उसके आसपास के अपने कर्मचारियों के लिए घर से काम करने की अनुमति देने पर विचार करना चाहिए। प्रदूषण को कम करने के लिए किसानों को पराली नहीं जलाने के लिए राजी किया जाना चाहिए। न्‍यायालय दिल्ली के 17 वर्षीय छात्र आदित्य दुबे की राजधानी में वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर से संबंधित याचिका पर सुनवाई कर रहा है।
इससे पहले, केंद्र सरकार ने न्‍यायालय को सूचित किया था कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में वायु प्रदूषण को रोकने के लिए लॉकडाउन सबसे कठोर कदम होगा। सरकार ने कहा कि वाहनों की आवाजाही के लिए सम-विषम योजना और राजधानी में ट्रकों के प्रवेश पर प्रतिबंध कुछ अन्‍य उपाय हो सकते हैं। केंद्र सरकार के सुझाव बेंच के इस दावे के जवाब में आए कि स्थिति आकस्मिक थी और प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए तुरंत उपाय किए जाने की आवश्यकता थी। सुनवाई के दौरान, भारत के सोलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि प्रदूषण बढाने में पराली का योगदान केवल 10 प्रतिशत है। दिल्ली सरकार के वकील राहुल मेहरा ने कहा कि लॉकडाउन लगाया जा सकता है लेकिन इसे पूरे राष्‍ट्रीय राजधानी क्षेत्र में लागू करना होगा।