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देश में पिछले 24 घंटे के दौरान एक हजार तीन सौ छियानवे लोगों में कोविड-19 संक्रमण की पुष्टि हुई। इसके साथ ही संक्रमित लोगों की संख्या 27 हजार 892 हो गई। इनमें से छह हजार एक सौ चौरासी रोगियों को ठीक होने के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। पिछले 24 घंटे में 381 रोगी ठीक हुए। देश में संक्रमण से अब तक कुल 872 लोगों की मृत्यु हुई है।

स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी ने आज नई दिल्ली में संवाददाता सम्मेलन में बताया कि कोविड-19 रोगियों के ठीक होने की दर बढ़ रही है और लगभग 22 दशमलव एक सात प्रतिशत रोगी ठीक हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि देश में 16 जिलों में पिछले 28 दिनों में संक्रमण का कोई नया मामला सामने नहीं आया। ये जिले पहले संक्रमण से ग्रस्त थे। इनमें तीन नए जिले शामिल हुए, ये हैं- महाराष्ट्र में गोंदिया, कर्नाटक में दावणगेरे और बिहार में लखीसराय।

अधिकारी ने कहा कि 25 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 85 जिलों में पिछले 14 दिन से कोई व्यक्ति संक्रमित नहीं हुआ।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कांफ्रेंस के जरिए सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ चर्चा की। प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्रियों को सतर्क और सावधान रहने को कहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि रेड ज़ोन और आरेंज जोन जिलों में वायरस के संक्रमण की कड़ी टूटनी चाहिए। ग्रीन जोन के जिला प्रशासन को सतर्क रहते हुए निगरानी पर ध्यान देना चाहिए ताकि वहां संक्रमण के नए मामले सामने न आएं।

स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी ने कहा कि कलंक और भय के कारण कई बार रोगी छुपने का प्रयास करते हैं और समय पर उपचार कराने से बचते हैं। ऐसी स्थिति से रोगी को तो नुकसान होता ही है उसके परिवार और पूरे समाज को भी हानि होती है। अधिकारी ने बताया कि देश की लड़ाई कोविड-19 महामारी से है, किसी रोगी से नहीं। हमें यह समझना होगा कि ठीक होने वाले रोगी से संक्रमण का कोई खतरा नहीं है। वास्तव में वे प्लाज़्मा थेरेपी के लिए एंटीबाड़ीज़ का स्रोत हो सकते हैं। अधिकारी ने कहा कि हमें गलत जानकारी और घबराहट से बचना चाहिए। स्वास्थ्य देखभाल करने वालों, सफाईकर्मियों या पुलिस को निशाना नहीं बनाया जाना चाहिए, क्योंकि वे सब लोगों की सहायता कर रहे हैं।

स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि भारतीय आयुर्विज्ञान परिषद ने संवेदनशीलता और विशिष्टता के आधार पर रैपिड जांच किट खरीदने की निविदाओं को अंतिम रूप देने के लिए विधिवत प्रक्रिया का पालन किया। उन्होंने कहा कि जांच किट के बारे में शिकायतें मिलने पर परिषद ने तत्परता के कार्रवाई की और आर्डर रद्द कर दिया तथा विक्रेता को कोई भुगतान नहीं किया गया।

अधिकारी ने बताया कि परिषद के पास रणनीति के अनुसार आरटी-पीसीआर कोविड-19 जांच करने के लिए पर्याप्त संख्या में किट मौजूद हैं।

गृह मंत्रालय की अधिकारी ने कहा कि 26 अप्रैल तक गेहूं की 80 प्रतिशत से अधिक फसल की कटाई हो चुकी है। देश की 80 प्रतिशत मंडियों में खरीद शुरू हो गई है। 60 प्रतिशत खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों में भी काम शुरू हो गया है। अधिकारी ने बताया कि इस अवधि के दौरान कृषि और प्रवासी मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए देशभर में मनरेगा कार्य तथा निर्माण कार्य चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि मनरेगा के तहत दो करोड़ से अधिक लोगों को रोजगार मिला है।

आपूर्ति श्रृंखला से जुड़े अधिकार प्राप्त समूह के अध्यक्ष ने आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति और लॉजिस्टिक्स के क्षेत्र में प्रगति पर प्रस्तुति दी। उन्होंने बताया कि लॉकडाउन की अवधि के दौरान आलू, प्याज और टमाटर की कीमतें मोटे तौर पर स्थिर बनी हुई हैं। सरकार, एनजीओ और उद्योग जगत डेढ़ करोड़ से अधिक लोगों को रोजाना भोजन उपलब्ध करा रहे हैं। अध्यक्ष ने बताया कि दूध और रसोई गैस सिलिंडर की आपूर्ति लॉकडाउन से पहले के स्तर पर ही बनाए रखी गई है।