चंडीगढ़

न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) समेत तमाम मुद्दों को लेकर किसान संगठन दिल्ली की ओर कूच करने की कोशिश में हैं लेकिन किसान नेताओं को बॉर्डर पर ही रोककर रखा गया है।

पंजाब के किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने शनिवार (07 दिसंबर, 2024) को कहा कि उन्हें अपने मुद्दों के समाधान के लिए बातचीत के लिए केंद्र से कोई संदेश नहीं मिला है, ऐसे में 101 किसानों का एक जत्था रविवार (8 दिसंबर, 2024) को फिर से दिल्ली के लिए अपना मार्च शुरू करेगा।

मोदी सरकार बातचीत करने के मूड में नहीं: पंधेर

बीते दिन शुक्रवार (06 दिसंबर, 2024) को पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर सुरक्षाकर्मियों के दागे गए आंसू गैस के गोले के कारण कुछ किसानों के घायल होने के बाद, प्रदर्शनकारी किसानों ने राष्ट्रीय राजधानी की ओर अपना पैदल मार्च स्थगित कर दिया। किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए कानूनी गारंटी सहित विभिन्न मांगों को लेकर दबाव बना रहे हैं।

शनिवार को पंजाब-हरियाणा सीमा पर शंभू में मीडिया को संबोधित करते हुए पंधेर ने कहा कि हरियाणा के सुरक्षाकर्मियों के आंसूगैस के गोले दागे जाने के कारण 16 किसान घायल हो गए और उनमें से एक की सुनने की क्षमता चली गई। उन्होंने कहा कि चार घायल किसानों को छोड़कर बाकी सभी को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है।

उन्होंने कहा, “हमें बातचीत करने के लिए केंद्र से कोई संदेश नहीं मिला है। मोदी सरकार बातचीत करने के मूड में नहीं है।” उन्होंने आगे कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा और किसान मजदूर मोर्चा ने पहले ही फैसला कर लिया है कि 101 किसानों का एक जत्था रविवार दोपहर को फिर से शांतिपूर्ण तरीके से राष्ट्रीय राजधानी की ओर मार्च करेगा।

सुरक्षा के तगड़े इंतजाम

वहीं, पुलिस और प्रशासन ने किसानों को रोकने के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम कर रखे हैं। कुछ चीजों की तैयारियां चल रही हैं। मीडिया ने शंभू बॉर्डर पर सुरक्षा के इंतजाम वाला एक वीडियो शेयर किया जिसमें कुछ कारीगर बेल्डिंग करते नजर आ रहे हैं, साथ ही कीलों वाले ब्रेकर और मल्टी लेयर बैरिकेडिंग हो रखी है। वहीं, हरियाणा के डीजीपी ने पंजाब के डीजीपी को चिट्ठी लिखकर अनुरोध किया है कि मीडियाकर्मियों को प्रदर्शन वाली जगह से दूर रखा जाए, जिससे कि सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

06 दिसंबर को भी की थी दिल्ली कूच की कोशिश

किसान यूनियनों एसकेएम और किसान मजदूर मोर्चा के आह्वान पर 101 किसानों के एक जत्थे ने अपनी मांगों को लेकर दबाव बनाने के लिए शुक्रवार को शंभू बॉर्डर स्थित अपने विरोध स्थल से दिल्ली के लिए मार्च शुरू किया।

हरियाणा के सुरक्षाकर्मियों के लगाए गए बहुस्तरीय बैरिकेडिंग के कारण ‘जत्थे’ को रोक दिया गया। किसानों ने बैरिकेड्स को पार करने का प्रयास किया, लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें रोक दिया और कई आंसू गैस के गोले दागे, ताकि वे पंजाब में पड़ने वाले शंभू में अपने विरोध स्थल पर वापस चले जाएं।

इंटरनेट सेवाओं पर बैन

किसानों के मार्च से कुछ समय पहले, हरियाणा सरकार ने शुक्रवार को अंबाला जिले के 11 गांवों में मोबाइल इंटरनेट और बल्क एसएमएस सेवा को 9 दिसंबर तक निलंबित कर दिया।