Last Updated on March 26, 2025 8:19 pm by INDIAN AWAAZ

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सर्वोच्च न्यायालय ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के विवादित आदेश पर रोक लगाते हुए कहा है कि यह निर्णय असंवेदनशीलता का परिचायक है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय के विवादित आदेश में कहा गया है कि स्तनों को पकड़ना या पायजामे की डोरी तोड़ना दुष्कर्म का प्रयास नहीं है और अभियोजन पक्ष को दुष्कर्म के आरोप सिद्ध करने के लिए उन्हें और आवश्यक सबूत पेश करने चाहिए थे।