उदयपुर
आये दिन देश की नाबालिग बच्चीयों के साथ हो रही उत्पीड़न की घटनाओ से बालमन के मन मस्तिक पर गहरी चोट लगी है ,उनका घर से निकलना मुश्किल हो गया है , हर समय माता पिता के अंतर्मन में यही बात बार बार आती है की हमारी बेटी सुरक्षित है या नही , पुरुष प्रधानता वाले इस देश में महिलायें व बालिकाए जब तक अपने अधिकारो के प्रति जागरूक नही होंगी , तब तक उन पर अत्याचार होता ही रहेगा ,आज इन देश की अस्मिताओं को जगाने की जरूरत है, पुरुष को पीछे छोड़ उनसे आगे निकलना होगा , कानूनों को और अधिक सख्त करना होगा ,तभी हमारी महिलाये ,बेटिया सुरक्षित रह पाएंगी , आये दिन हो रही दुष्कर्म की घटनाओ को रोकने का तरीका एक यह भी हो सकता है क्यों न माता – पिता अपने बच्चों को बचपन से ही अच्छे संस्कार उनके दिलो दिमाग में डाले जिससे उनमे बचपन में ही महिलाओ व बेटियो के प्रति माँ बहन जैसी सहानुभूति मिले , साथ ही स्कूल ,कॉलेजों में भी भारतीय संस्कृति व संस्कारो को पढ़ाया जाए ,
यह वक्तव्य “मुट्ठी संस्थान ” की अर्चना शक्तावत व सरोज पटेल ने भट्ट जी की बाड़ी स्थित एक जन जागरूकता अभियान के दौरान कही | अर्चना व सरोज ने कहा की “मुट्ठी संस्थान” हर सप्ताह ऐसे कार्यक्रम आयोजित करता है जिसमे बेटियो की व महिलाओ की अधिक से अधिक भागीदारी रहती है | कार्यक्रम में उनको जानकारी दी जाती है की कार्यस्थल व स्कूल ,कॉलेजों में उनके साथ होने वाली हर्रेसमेंट की घटनाओ से किस तरह निपटा जाए ,किस तरह पुलिस व प्रशासन की मदद ली जा सकती है जिससे होने वाली घटनाओ पर नियंत्रण किया जा सके |