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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नई शिक्षा नीति की सराहना करते हुए कहा है कि यह सभी पुरानी शिक्षा नीतियों का बेहतर विकल्प होगी। उन्होंने कहा है कि नई शिक्षा नीति भारतीय युवाओं को नई चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार करेगी और रोजगार और नौकरियों के नए अवसर भी पैदा करेगी।
प्रधानमंत्री आज राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर राज्यपालों के सम्मेलन का वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से उद्घाटन कर रहे थे। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति के बारे में देशभर से मिले दो लाख से अधिक लोगों के सुझावों को इस नीति में समाहित किया गया है।
प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि नई नीति कंठस्थ करने के बजाए सीखने पर जोर देती है और वह छात्रों की विवेचनात्मक क्षमता को बढ़ाएगी।
उच्च शिक्षा में परिवर्तन लाने में नई शिक्षा नीति 2020 की भूमिका शीर्षक से आयोजित इस सम्मेलन का आयोजन केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने किया है। नई शिक्षा नीति 1986 के शिक्षा नीति के 34 वर्षों के बाद आई है। इस नीति का उद्देश्य विद्यालय और उच्च शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण सुधार करना है।
इस सम्मेलन में राज्यों के शिक्षा मंत्री, राज्य विश्वविद्यालयों के कुलपति और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भाग ले रहे है।
उन्होंने कहा कि शिक्षा प्रणाली में प्रौद्योगिकी के एकीकरण से सुधारात्मक उपायों को बढ़ावा मिलेगा और सभी हितधारकों को इस तरह के उपायों का सुझाव देने की मंच की स्थापना की जाएगी।