5 लाख से ज़्यादा नकली किताबें ज़ब्त, करोड़ों की मशीनें और कागज़ भी बरामद

एस. एन. वर्मा / नई दिल्ली

देशभर में बच्चों की पढ़ाई के नाम पर चल रहे पायरेसी रैकेट पर एनसीईआरटी ने एक के बाद एक करारे वार किए हैं। पिछले 14 महीनों में एनसीईआरटी ने पुलिस के साथ मिलकर 5 लाख से ज़्यादा पायरेटेड (नकली) किताबों को ज़ब्त कर एक बड़ा ऑपरेशन अंजाम दिया है। साथ ही 20 करोड़ रुपये से अधिक की छपाई मशीनें और पेपर भी कब्जे में लिए गए हैं। इस दौरान 29 एफआईआर दर्ज कर, पायरेसी से जुड़े कई नेटवर्क्स को तोड़ा गया है।

एनसीईआरटी ने एक के बाद एक छापों से यह साफ कर दिया है कि शिक्षा से समझौता अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

मुजफ्फरनगर में मिला नकली किताबों का गोदाम

उत्तर प्रदेश पुलिस के साथ मिलकर एनसीईआरटी ने मुजफ्फरनगर में एक बड़े गोदाम पर छापा मारा। वहां से 1.5 लाख से ज्यादा पायरेटेड किताबें, एक ट्रक, दो कारें और भारी मात्रा में प्रिंटिंग प्लेटें बरामद की गईं। ज़ब्त सामग्री की कीमत 2 करोड़ रुपये से ज़्यादा आंकी गई है। इस छापेमारी में 8 लोगों को मौके से गिरफ्तार किया गया।

हरियाणा में छापा, छप रही थीं ‘फर्ज़ी’ किताबें

हरियाणा के समालखा में भी एक प्रिंटिंग प्रेस पर कार्रवाई की गई, जहां एनसीईआरटी की किताबों की गैरकानूनी छपाई जोरों पर थी। यहां से भी भारी मात्रा में किताबें, प्रिंटिंग प्लेट और मशीनरी ज़ब्त की गई है। इस गोरखधंधे के पीछे कौन-कौन शामिल हैं, इसकी जाँच अब तेज़ी से की जा रही है।

📚 बच्चों की सेहत भी दांव पर

एनसीईआरटी ने चेतावनी दी है कि पायरेटेड किताबें सिर्फ कॉपीराइट उल्लंघन नहीं, बल्कि बच्चों की सेहत के लिए भी खतरनाक हैं। इनमें इस्तेमाल हो रहा घटिया कागज़ और स्याही न सिर्फ आँखों को नुकसान पहुंचा सकती है, बल्कि लंबे समय में स्वास्थ्य पर भी असर डाल सकती है।

जारी रहेगा ‘ऑपरेशन पायरेसी क्लीनअप’

एनसीईआरटी ने यह भी साफ कर दिया है कि यह सिर्फ शुरुआत है। भविष्य में भी इस तरह के अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई और तेज़ की जाएगी। परिषद ने छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों से अपील की है कि अगर वे कहीं नकली एनसीईआरटी किताबें बिकती देखें, तो तुरंत एनसीईआरटी को इसकी सूचना दें।