Last Updated on: 7 June 2025 6:05 PM

आर. सूर्यामूर्ति

भारत का यात्रा और पर्यटन क्षेत्र सिर्फ़ रिकवरी की ओर नहीं बढ़ रहा, बल्कि यह एक ज़बरदस्त उछाल का अनुभव कर रहा है। घरेलू ख़र्च में मजबूती और अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों की वापसी से यह सेक्टर तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। वर्ल्ड ट्रैवल एंड टूरिज्म काउंसिल (WTTC) की ताज़ा आर्थिक प्रभाव रिपोर्ट (EIR) में भारत के पर्यटन उद्योग की इस मजबूती को उजागर किया गया है, जिसमें अगले एक दशक तक सतत विकास की संभावना जताई गई है।

घरेलू पर्यटन बना रीढ़

इस क्षेत्र की मजबूती का सबसे बड़ा आधार घरेलू पर्यटन है। वर्ष 2024 में घरेलू पर्यटक ख़र्च ₹15.5 लाख करोड़ तक पहुंच गया, जो 2019 के स्तर से 22% अधिक है। WTTC का अनुमान है कि यह खर्च 2025 में ₹16.8 लाख करोड़ और 2035 तक ₹32.7 लाख करोड़ तक पहुंच सकता है। इससे स्पष्ट है कि भारत के नागरिक इस सेक्टर की रीढ़ बने हुए हैं।

अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों की वापसी से नई रफ्तार

साल 2024 में अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों द्वारा किया गया ख़र्च ₹3.1 लाख करोड़ रहा, जो महामारी-पूर्व 2019 के स्तर से 9% ज़्यादा है। भारत ने वर्ष 2024 में रिकॉर्ड 2 करोड़ अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों का स्वागत किया, जो 2019 की तुलना में 23 लाख अधिक है। वर्ष 2025 में अंतरराष्ट्रीय ख़र्च के ₹3.2 लाख करोड़ तक पहुंचने की संभावना है।

रोज़गार और अर्थव्यवस्था में बड़ी भूमिका

इन सभी कारकों के संयुक्त प्रभाव से 2035 तक पर्यटन क्षेत्र का भारतीय अर्थव्यवस्था में कुल योगदान ₹42 लाख करोड़ तक पहुंच सकता है और इससे लगभग 6.4 करोड़ लोगों को रोज़गार मिलने की उम्मीद है। WTTC का अनुमान है कि 2025 में यह योगदान ₹22 लाख करोड़ को पार कर सकता है और रोज़गार के अवसर 4.8 करोड़ तक पहुंच सकते हैं।

व्यवसायिक यात्रा और आधारभूत ढांचा भी बने सहायक

मनोरंजन के अलावा, व्यापारिक यात्रा भी इस उछाल में अहम भूमिका निभा रही है। घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों मिलाकर व्यवसायिक यात्रा पर ₹1.1 लाख करोड़ खर्च हुआ, जो 2019 से 2.6% अधिक है। WTTC का मानना है कि तेज़ रेल नेटवर्क और स्मार्ट मोबिलिटी जैसी आधारभूत सुविधाओं को मज़बूत करना ज़रूरी होगा ताकि पर्यटन का जीडीपी में योगदान 10-11% तक पहुंच सके।

WTTC की अध्यक्ष एवं CEO, जूलिया सिम्पसन ने कहा, “भारत का ट्रैवल और टूरिज्म सेक्टर अभूतपूर्व विकास का अनुभव कर रहा है। अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों की रिकॉर्ड संख्या इसकी पुष्टि करती है।”

नीतिगत समर्थन की आवश्यकता

इस गति को बनाए रखने के लिए WTTC ने रणनीतिक निवेश और अनुकूल नीतियों की आवश्यकता पर ज़ोर दिया है। सिम्पसन ने ई-वीज़ा प्रक्रिया को सरल बनाने और मुख्य बाज़ारों के लिए वीज़ा में देरी को कम करने की सिफारिश की। WTTC ने हाल ही में WTTC इंडिया इनिशिएटिव (WTTCII) के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) भी किया है, जिससे नीति समन्वय और वैश्विक नेतृत्व को मज़बूती मिलेगी।

भविष्य की अपार संभावनाएं

2024 में पर्यटन क्षेत्र का योगदान लगभग ₹21 लाख करोड़ था, जो 2019 की तुलना में 20% अधिक है और इससे 4.65 करोड़ लोगों को रोज़गार मिला। WTTC का मानना है कि भारत के युवा, शिक्षित और ऑटोमेशन के युग में बदलाव झेल रहे वर्ग के लिए पर्यटन एक स्थायी रोज़गार का माध्यम बन सकता है।

WTTC ने सरकार से विदेशों में पर्यटन प्रचार के लिए फंडिंग में हालिया कटौती के फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील की है। स्पष्ट और स्थिर नीति समर्थन इस क्षेत्र की पूरी क्षमता को साकार करने में अहम भूमिका निभा सकता है, विशेषकर घरेलू उद्यमशीलता और लग्ज़री यात्रा की बढ़ती मांग को देखते हुए।