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चीन का दोहरा चरित्र एक बार फिर सामने आया है। पेईचिंग में एक प्रेस वार्ता में चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्‍ता ने संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्‍थायी सदस्‍यता के मुद्दे पर सवाल उठाया। इस मंच पर उन्‍होंने जी-4 देशों द्वारा सुरक्षा परिषद में सुधारों की मांग के बारे में कोई टिप्‍पणी नहीं की। साथ ही उन्‍होंने कहा कि सुरक्षा परिषद में सुधारों के बारे में काफी मतभेद हैं।

चीन के प्रवक्‍ता ने कहा कि उनका देश संयुक्‍त राष्‍ट्र के सदस्‍यों के साथ बातचीत करके मुद्दों को हल करने के पक्ष में है। भारत और जी-4 के अन्‍य देशों ने कल आयोजित वर्चुअल बैठक में संयुक्‍त राष्‍ट्र महासभा के 75वें सत्र से हटकर लिखित आधार पर तत्‍काल बातचीत शुरू करने की मांग की थी। परंतु इन देशों ने एक बयान में दुख जताते हुए कहा कि अंतर सरकारी बातचीत में कोई प्रगति नहीं हुई है।

जी-4 देशों में भारत, जापान, बाजील और जर्मनी शामिल हैं, जो लिखित आधार पर बातचीत के बाद संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद के विस्‍तार की मांग कर रहे हैं। चीन के अलावा संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद के चारों अन्‍य सदस्‍य परिषद में भारत की स्‍थायी सदस्‍यता का समर्थन करते हैं।