केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं कृषि और किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को ‘बीमा सखी योजना’ के शुभारंभ को ग्रामीण और अर्ध-शहरी भारत में महिलाओं के सशक्तिकरण और आर्थिक सुरक्षा की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम बताया। उन्होंने इस परिवर्तनकारी पहल का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व को दिया, जो वर्ष 2047 तक “सबके लिए बीमा” के लक्ष्य से जुड़ी है।

इस योजना के तहत ग्रामीण विकास मंत्रालय और भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) के सहयोग से राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के वित्तीय समावेशन कार्यक्रम के अंतर्गत स्वयं सहायता समूहों (SHGs) से प्रशिक्षित महिलाओं को ग्राम पंचायत स्तर पर बीमा सखी के रूप में नियुक्त किया जाएगा। ये बीमा सखियाँ ग्रामीण क्षेत्रों में बीमा योजनाओं के प्रति जागरूकता फैलाएंगी, भरोसेमंद वित्तीय सेवाएं उपलब्ध कराएंगी और महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाएंगी।

मंत्री चौहान ने कहा कि यह योजना न केवल महिला उद्यमिता को बढ़ावा देती है, बल्कि लखपति दीदी मिशन को भी मजबूती देती है, जिसका लक्ष्य 15 अगस्त तक 2 करोड़ लखपति दीदियों का निर्माण करना है। उन्होंने इसे सतत विकास लक्ष्य 5 (लैंगिक समानता) और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक मजबूत कदम बताया।

बीमा सखियाँ न केवल स्थानीय रोजगार बढ़ाएंगी, बल्कि आपदा प्रभावित क्षेत्रों में परिवारों को आर्थिक सुरक्षा भी प्रदान करेंगी। यह योजना जन-धन से जन-सुरक्षा और डिजिटल इंडिया जैसे सरकारी अभियानों से भी समन्वित है और महिलाओं के कौशल विकास को प्रोत्साहन देती है।

चौहान ने बीमा सखियों को “सामाजिक परिवर्तन की अग्रदूत” बताते हुए सभी राज्यों और भागीदार संस्थाओं से अपील की कि वे इस आंदोलन से जुड़ें और सुनिश्चित करें कि यह योजना हर ग्रामीण परिवार तक पहुंचे, ताकि एक समावेशी और सशक्त भारत का निर्माण हो सके।