AIR
केंद्र ने क्षेत्र स्तर पर कोविड-19 के प्रबंधन पर ध्यान देने के लिए राज्यों से विशेष हस्तक्षेप वाले इलाकों की पहचान करने को कहा है। राज्यों के मुख्य सचिवों को लिखे पत्र में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव प्रीति सूदन ने कहा कि हॉटस्पॉट या रेड जोन, ओरेंज जोन और ग्रीन जोन के रूप में पहले निर्धारित किए गए जिलों की पहचान प्राथमिक रूप से संक्रमण के समग्र मामलों और रोगियों की संख्या दुगुनी होने की दर के आधार पर की गई थी। अब रोगियों के ठीक होने की दर बढने से विधिवत और व्यापक मानदंड के आधार पर विभिन्न जोन में जिलों की पहचान की जा रही है।
स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि अब तक संक्रमण से मुक्त या पिछले 21 दिनों में संक्रमण का कोई मामला न होने पर ही किसी जिले को ग्रीन जोन माना जाएगा। क्षेत्र के आधार पर सुझावों और राज्य स्तर पर अतिरिक्त विश्लेषण के बाद राज्य अतिरिक्त रेड या ओरेंज जोन की पहचान कर सकते हैं। लेकिन वे रेड या ओरेंज के रूप में जिलों के जोनल वर्गीकरण में छूट नहीं दे सकेंगे। अधिकारी ने वायरस के फैलने की कड़ी तोड़ने के लिए रेड और ओरेंज जोन में आवश्यक कार्रवाई पर बल दिया। इन जिलों में कंटेनमेन्ट जोन को संक्रमण के मामलों और संक्रमित रोगियों के संपर्क में आए लोगों की पहचान, संक्रमण के मामलों के भौगोलिक वितरण की पहचान तथा कार्य योजना क्षमता के आधार पर पुनर्निर्धारित किया जाएगा। स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि जिला प्रशासन और स्थानीय निकायों को इन तथ्यों के आधार पर कंटेनमेन्ट क्षेत्रों को समुचित रूप से परिभाषित करना चाहिए। कंटेनमेन्ट जोन के आसपास बफर जोन की पहचान भी की जानी चाहिए।
अधिकारी ने राज्यों से कहा कि कंटेनमेन्ट कार्य योजनाओं के अंग के रूप में इन क्षेत्रों में आवश्यक कार्रवाई शुरू की जानी चाहिए। इसमें प्रवेश और निकास बिन्दुओं को स्पष्ट रूप से निर्धारित करने, मेडिकल आपात स्थिति और आवश्यक वस्तुओं तथा सेवाओं को छोडकर आवागमन पर पूरी तरह रोक, घर-घर सर्वेक्षण और निगरानी के जरिए संक्रमित लोगों की पहचान तथा सभी संक्रमित रोगियों की जांच और उनके संपर्क में आए लोगों का पता लगाना शामिल है।
स्वास्थ्य सचिव ने अगले सप्ताह के लिए रेड, ओरेंज और ग्रीन जोन के रूप में पहचाने गए जिलों की सूची भी जारी की। इसके तहत एक सौ तीस जिलों को रेड जोन, दो सौ 84 को ओरेंज जोन और तीन सौ उन्नीस को ग्रीन जोन में रखा गया है।