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AMN / WEB DESK

भ्रष्टाचार के मामले में इस्तीफा दे चुके दिल्ली के पूर्व डिप्टी CM मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन की जगह केजरीवाल कैबिनेट में दो नाम तय हो चुके हैं। दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल ने आतिशी मार्लेना और सौरभ भारद्वाज का नाम LG के पास मंजूरी के लिए भेजा है। अभी सिसोदिया और जैन के विभाग की जिम्मेदारी कैलाश गहलोत और राजकुमार आनंद के पास रहेगी। इस बारे में गजट नोटिफिकेशन भी जारी हो गया है।

सौरभ भारद्वाज केजरीवाल की 49 दिन की पहली सरकार में ट्रांसपोर्ट मंत्री रह चुके हैं। आतिशी मार्लेना एजुकेशन सेक्टर में सिसोदिया की सलाहकार रही हैं।

दरअसल, भ्रष्टाचार मामले में रविवार को मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी हुई थी। सोमवार को स्पेशल कोर्ट ने उन्हें CBI की रिमांड पर भेज दिया। इसके बाद सिसोदिया मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे। वहां भी उन्हें राहत नहीं मिली। इसके कुछ देर बाद ही उनका इस्तीफा आ गया।

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर हुई आम आदमी पार्टी की बैठक में तय किया गया कि 5 मार्च से दिल्ली के घर-घर जाकर सिसोदिया और जैन के इस्तीफे के पीछे की कहानी बताई जाएगी। लोगों को बताया जाएगा कि किस तरह दिल्ली के शिक्षा और स्वास्थ्य मॉडल से परेशान होकर भाजपा ने मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन को जेल भिजवाया है। इस डोर-टु-डोर कैंपेन का नेतृत्व इलाके के विधायक करेंगे।

18 विभाग संभाल रहे थे सिसोदिया, इनमें जैन के 7 मंत्रालय भी शामिल
सिसोदिया को शराब नीति केस में CBI ने 26 फरवरी को गिरफ्तार किया था, वहीं सत्येंद्र जैन मनी लॉन्ड्रिंग केस में पिछले साल 30 मई से तिहाड़ जेल में बंद हैं। सिसोदिया केजरीवाल सरकार के सबसे ताकतवर मंत्री थे। उनके पास 33 में से 18 विभाग थे। वहीं जैन के पास स्वास्थ्य, उद्योग समेत 7 मंत्रालयों की जिम्मेदारी थी। इन्हें बाद में सिसोदिया को सौंप दिया गया था।

वहीं, शराब नीति मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने नया दावा किया है। CBI से इतर इस मामले की जांच कर रही ED का आरोप है कि आप सरकार ने शराब पॉलिसी पर लोगों की राय मांगी थी, लेकिन लोगों की राय, आपत्तियों और परेशानियों को सरकार ने नीति में शामिल नहीं किया। बल्कि शराब कंपनियों ने PR कंपनियों से 4000 फर्जी ईमेल करवाए। इन्हीं को आधार बनाकर नई पॉलिसी ड्राफ्ट की गई। चार पॉइंट में पढ़िए पूरा मामला…

1. सिसोदिया ने दानिक्स अधिकारी को स्पेशल तरीके से पॉलिसी बनाने को कहा: ED के मुताबिक, दानिक्स (दिल्ली और अंडमान निकोबार द्वीप समूह सिविल सर्विस) अधिकारी सी. अरविंद ने जांच एजेंसी को बताया था कि सिसोदिया ने उन्हें ‘स्पेशल तरीके’ से उत्पाद शुल्क नीति का कॉन्ट्रैक्ट तैयार करने को कहा था।

2. बिना आधिकारिक चर्चा के प्रॉफिट मार्जिन 12% तय किया गया: अचानक मार्च 2021 में सी. अरविंद ने मनीष सिसोदिया को केजरीवाल के घर बुलाया। वहां सत्येंद्र जैन भी मौजूद थे। यहां पर मनीष ने सी. अरविंद को एक डॉक्यूमेंट दिया, जिसमें होलसेल मार्जिन लिखा था। बिना किसी आधिकारिक बैठक के शराब नीति में होलसेल प्रॉफिट 12% तय कर दिया गया। सी. अरविंद को इस डॉक्यूमेंट के आधार पर ही पॉलिसी तैयार करने को कहा गया।

3. ISWAI ने PR कंपनियों को हायर करके फर्जीवाड़ा किया: ED का दावा है कि एक्सपर्ट कमिटी की रिपोर्ट नई नीति के पक्ष में नहीं थी, इसलिए इंटनेशनल स्पिरिट्स एंड वाइन असोसिएशन ऑफ इंडिया (ISWAI) ने कई PR एजेंसियों को हायर किया और उनसे 4000 मेल भिजवाए।

4. दो कंपनियों ने 3000 नए ईमेल आईडी बनाए और 1000 यहां-वहां से जुटाए: दो पीआर एजेंसियों ने 3000 नई ईमेल आईडी बनाईं और 1000 ईमेल आईडी कई सोर्स से जुटाईं। इसके बाद इन ईमेल आईडी से दिल्ली सरकार को 4000 मेल भेजे गए। चार्जशीट के मुताबिक, ISWAI के बिनॉय बाबू इस साजिश का हिस्सा थे।

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